Aurangabad: महाराष्ट्र सरकार की 'महाराष्ट्र ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना' (Maharashtra Rural Employment Guarantee Scheme) के तहत औरंगाबाद के मजदूरों को सबसे ज्यादा काम मिला है. वास्तव में, इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने वाले पांच जिलों में से चार, जो दूरदराज के क्षेत्रों में भी रोजगार प्रदान करते हैं, जिसमें मराठवाड़ा भी एक है.
इसके अलावा, मराठवाड़ा रीजन के पांचों गांव अपना 100 प्रतिशत टारगेट पूरा कर चुके हैं. जिलों की इस उपलब्धि से खुश होकर अतिरिक्त मुख्य सचिव नंद कुमार ने शीर्ष प्रदर्शन करने वाले जिलों को एक पत्र लिखा. औरंगाबाद के डिप्टी कलेक्टर (ईजीएस) मंदार वैद्य ने टीओआई को बताया, "यह उपलब्धि टीम वर्क और हमारे वरिष्ठों और राज्य के सक्षम समर्थन के कारण है." उन्होंने कहा कि मार्च के अंत तक संख्या में सुधार सुनिश्चित करने के लिए सभी मोर्चों पर प्रयास किए जा रहे हैं.
औरंगाबाद के जिला कलेक्टर सुनील चव्हाण ने कहा कि 17 फरवरी तक जिले ने अपने लक्ष्य का 252% हासिल कर लिया है.पत्र के मुताबिक औरंगबाद ने इस लिस्ट में सबसे बेहतक प्रदर्शन किया. वहीं सोलापुर 187 प्रतिशत, परभानी 177 प्रतिशत, लातूर 158 प्रतिशत, नांदेड़ 149 प्रतिशत रहा. इसके अलावा मारठवाड़ा रीजन में कई अन्य जिलों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया. हिंगोली ने 148 प्रतिशत का आंकड़ा प्राप्त किया. वहीं, बीड़ 131 प्रतिशत, जलना 107 प्रतिशत रहा. पत्र में कहा गया है कि भंडारा जिले 64 फीसदी लक्ष्य उपलब्धि के साथ, नंदुरबार (72%), धुले (74%), रत्नागिरी (78%) खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों में हैं.
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