Nagpur: 'कभी-कभी राजनीति छोड़ने का मन करता है', जानें- ऐसा क्यों बोले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी
Nagpur में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने एक बयान से नई चर्चा छेड़ दी है. दरअसल उन्होंने कहा है कि उन्हें कभी-कभी राजनीति छोड़ने का मन करता है क्योंकि समाज के लिए और भी बहुत कुछ करने की जरूरत है.
Nitin Gadkari On Quitting Politics: महाराष्ट्र के नागपुर (Nagpur) में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने शनिवार को कहा कि उन्हें कभी-कभी राजनीति छोड़ने का मन करता है क्योंकि समाज के लिए और भी बहुत कुछ करने की जरूरत है. बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष ने नागपुर में एक कार्यक्रम में कहा कि आजकल राजनीति, सामाजिक परिवर्तन और विकास का वाहन बनने के बजाय सत्ता में बने रहने के बारे में अधिक हो गई है. उन्होंने कहा कि “हमें समझना होगा कि राजनीति का क्या मतलब है. क्या यह समाज, देश के कल्याण के लिए है या सरकार में रहने के लिए है?”
आज की राजनीति शत प्रतिशत सत्ता पाने की है- गडकरी
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि "राजनीति महात्मा गांधी के युग से ही सामाजिक आंदोलन का हिस्सा रही है, लेकिन फिर इसने राष्ट्र और विकास के लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित किया." उन्होंने कहा कि “आज हम (राजनीति में) जो देख रहे हैं वह शत-प्रतिशत सत्ता में आने के बारे में है. राजनीति सामाजिक-आर्थिक सुधार का एक सच्चा साधन है और इसलिए आज के राजनेताओं को समाज में शिक्षा, कला आदि के विकास के लिए काम करना चाहिए. मंत्री सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश गांधी को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे, जिन्हें राजनीतिक दलों में मित्र माना जाता है. एक पूर्व एमएलसी गिरीश गांधी पहले एनसीपी के साथ थे, लेकिन 2014 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी.
समाजवादी राजनेता जॉर्ज फर्नांडीस को गडकरी ने किया याद
गडकरी ने कहा कि “जब गिरीश भाऊ राजनीति में थे, तो मैं उन्हें हतोत्साहित करता था क्योंकि मैं भी कभी-कभी राजनीति छोड़ने के बारे में सोचता हूं. राजनीति के अलावा, जीवन में कई चीजें हैं जो करने योग्य हैं." नागपुर के सांसद ने दिवंगत समाजवादी राजनेता जॉर्ज फर्नांडीस की सादगीपूर्ण जीवन शैली के लिए उनकी प्रशंसा की. गडकरी ने कहा कि “मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा क्योंकि उन्होंने कभी भी सत्ता की भूख की परवाह नहीं की. उन्होंने ऐसा प्रेरणादायक जीवन जिया...जब लोग मेरे लिए बड़े-बड़े गुलदस्ते लाते हैं या मेरे पोस्टर लगाते हैं तो मुझे इससे नफरत है."