धोखाधड़ी केस में हार्दिक पांड्या के सौतेले भाई वैभव ने कोर्ट में दी ये दलील, पुलिस कस्टडी बढ़ी
Vaibhav Pandya News: मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने यह दावा करते हुए वैभव पांड्या की 7 दिनों की और रिमांड मांगी थी कि जांच पूरी नहीं हुई है और आरोपी से अभी तक अहम जानकारी बरामद नहीं हुई है.
Vaibhav Pandya Arrested: क्रिकेटर हार्दिक और कुणाल पांड्या के सौतेले भाई वैभव पांड्या ने चार करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में अपनी गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में सफाई दी है. वैभव पांड्या ने शुक्रवार (12 अप्रैल) को मुंबई की एक अदालत से कहा कि पूरा मामला पारिवारिक था और सिर्फ एक गलतफहमी थी. वैभव पंड्या (37) ने रिमांड पर सुनवाई के दौरान अपने वकील के माध्यम से यह दलील दी. उनकी पुलिस हिरासत 16 अप्रैल तक बढ़ा दी गई.
वैभव पांड्या को कथित तौर पर उनसे 4 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें सोमवार को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EoW) ने आपराधिक विश्वासघात, आपराधिक धमकी, आपराधिक साजिश, जालसाजी और अन्य संबंधित धाराओं के आरोप में हिरासत में लिया था.
वैभव पांड्या ने कोर्ट में क्या दलील दी?
मुंबई की अदालत में सुनवाई के दौरान वैभव पांड्या के वकील निरंजन मुंदारगी ने कोर्ट को बताया कि यह एक पारिवारिक मामला है और इस मामले को गलतफहमी के कारण दायर किया गया है. वकील ने कहा कि मामले को सुलझाने का प्रयास जारी है. मुंदारगी ने आगे कहा कि उनका मुवक्किल जांच में सहयोग कर रहा है और पुलिस की ओर से रिमांड बढ़ाने की मांग पर उसे कोई आपत्ति नहीं है.
ईओडब्ल्यू का वैभव पांड्या पर शिकंजा
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक ईओडब्ल्यू ने यह दावा करते हुए सात दिनों की और रिमांड मांगी थी कि जांच पूरी नहीं हुई है और आरोपी से अभी तक महत्वपूर्ण जानकारी बरामद नहीं हुई है. मजिस्ट्रेट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि जांच एजेंसी ने जांच में प्रगति दिखाई है और इसकी जरूरत है. आरोपियों से पूछताछ के लिए अधिक समय दिया गया क्योंकि मामले से कई वित्तीय पहलू जुड़े हुए हैं.
क्या है धोखाधड़ी का पूरा मामला?
पुलिस के अनुसार, वैभव, हार्दिक और कुणाल पांड्या ने 2021 में मुंबई में साझेदारी में एक पॉलिमर व्यवसाय स्थापित किया था. क्रिकेटर हार्दिक और कुणाल पांड्या ने 40 प्रतिशत पूंजी का निवेश किया, वैभव पांड्या ने 20 प्रतिशत निवेश किया और लाभ-हानि समान 2:2:1 अनुपात में तय की गई. पुलिस के अनुसार, यह निर्णय लिया गया कि वैभव कंपनी के दैनिक कार्यों को संभालेगा.
जानकारी के मुताबिक वैभव पांड्या ने कथित तौर पर हार्दिक और कुणाल पांड्या को सूचित किए बिना उसी व्यवसाय में शामिल एक और फर्म की स्थापना की. इस प्रक्रिया में साझेदारी प्रावधानों का उल्लंघन हुआ. इसे मूल फर्म का मुनाफा कम हो गया, जिसकी वजह से 3 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. जबकि वैभव का अपना लाभ 20-33 प्रतिशत बढ़ गया. पुलिस ने कहा कि आरोपी ने कथित तौर पर फर्म से लगभग 1 करोड़ रुपये अपने खाते में भेज दिए, जिससे हार्दिक और कुणाल पांड्या को कुल 4 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
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