Vajramuth Rally in Pune: एनसीपी के भीतर नेतृत्व संकट ने महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) वज्रमूठ रैली के भविष्य को अधर में डाल दिया है, FPJ में छपी एक खबर के अनुसार, सूत्रों ने कहा, शरद पवार वो शक्ति थे जो एमवीए (कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी) गठबंधन को एक साथ लाए और बनाए रखा. इसलिए, पार्टी अध्यक्ष के पद से हटने के उनके फैसले ने इन पार्टियों के बीच एकता पर सवाल खड़ा कर दिया है.
महाराष्ट्र का मौसम बनी वजह?
बीते कुछ दिनों से राज्य में तूफानी हवाओं के साथ बारिश हो रही है. इसलिए बैठक के कार्यक्रम में बदलाव करने पर विचार किया जा रहा है. वज्रमूठ बैठकें रद्द नहीं की गई हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि इस मामले पर शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे और एनसीपी नेताओं के साथ चर्चा की गई है और जल्द ही इन बैठकों को पुनर्निर्धारित किया जाएगा. वे नागपुर में मीडिया से बात कर रहे थे जब नाना पटोले ने ये बात कही.
रैली को अच्छी मिली थी प्रतिक्रिया
महाविकास अघाड़ी की वज्रमूठ सभाओं को जनता से अच्छा रिस्पांस मिला है. छत्रपति संभाजी नगर, नागपुर और मुंबई में तीन वज्रमूठ सभाएं हो चुकी हैं. आगे की बैठकें पुणे, नासिक, कोल्हापुर और अमरावती में आयोजित की जाएंगी. लेकिन, पिछले कुछ दिनों से तूफानी हवाओं के साथ बारिश हो रही है. पटोले ने कहा, इसलिए बैठक के कार्यक्रम में बदलाव करने पर विचार किया जा रहा है.
नाना पटोले का आरोप
नाना पटोले ने आरोप लगाया कि मुंबई में महत्वपूर्ण कार्यालयों को गुजरात में स्थानांतरित कर मुंबई के महत्व को कम करने का प्रयास किया जा रहा है. बीजेपी सरकार लगातार मुंबई और महाराष्ट्र की अहमियत कम करने की कोशिश कर रही है. मुंबई देश की वित्तीय राजधानी है, मुंबई शहर का विश्व में एक महत्वपूर्ण स्थान है, सभी महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थान, विभिन्न कंपनियों के मुख्यालय मुंबई में हैं, मुंबई का यह महत्व बीजेपी की नजर में है.
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