महाराष्ट्र में MVA में सीट शेयरिंग पर फंसा पेंच, प्रकाश आंबेडकर ने खड़गे को लिखा पत्र, की ये मांग
Prakash Ambedkar to Mallikarjun Kharge: प्रकाश आंबेडकर ने कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा है. उन्होंने महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग में हो रही देरी हो लेकर चिंता जाहिर की है.
Lok Sabha Election 2024: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज है. महाविकास अघाड़ी में सीट बंटवारे पर पेंच फंसा हुआ है. MVA में कई बैठकों के बाद उम्मीदवारों के नामों का एलान अभी तक नहीं हुआ है. सीट शेयरिंग में हो रही देरी को लेकर प्रकाश आंबेडकर ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने इस बारे में मल्लिकार्जुन खड़गे को एक पत्र लिखा है.
VBA अध्यक्ष ने क्या कहा?
प्रकाश आंबेडकर ने 'X' पर लिखा, 'मैंने 10 मार्च को मल्लिकार्जुन खड़गे को एक पत्र लिखा था, जिसमें मैंने रमेश चेन्निथला और मेरे बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत पर प्रकाश डाला था. चुनावों के लिए बचे समय, कांग्रेस और एसएस (यूबीटी) के बीच सहमति की कमी और एमवीए में सीट-बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप नहीं देने को ध्यान में रखते हुए, मैंने 9 मार्च को रमेश चेन्निथला से संपर्क किया था.'
I wrote a letter to Shri Mallikarjun Kharge on March 10, wherein I highlighted the telephonic conversation between Shri Ramesh Chennithala and I.
— Prakash Ambedkar (@Prksh_Ambedkar) March 12, 2024
Taking into account the time left for elections, the lack of concurrence between INC and SS (UBT), and no finalisation of… pic.twitter.com/eYS1T3NgXe
आंबेडकर ने आगे कहा, 'हमारे बीच टेलीफोन कॉल हुई. चेन्निथला जी ने शिवसेना (यूबीटी) के कम से कम 18 सीटों पर अड़े रहने को लेकर अपनी चिंता साझा की. मैंने प्रस्ताव दिया कि वंचित बहुजन आघाड़ी और कांग्रेस को एक साथ बैठना चाहिए और उन सभी सीटों पर चर्चा करनी चाहिए जो कांग्रेस के मन में हैं और एमवीए में मांग की गई है.'
प्रकाश आंबेडकर ने अपने पत्र में क्या लिखा है?
VBA ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र में लिखा है कि, 'आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा इस हफ्ते या अगले हफ्ते हो सकती है लेकिन महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी ने अपने भीतर सीट बंटवारे के समीकरण को अंतिम रूप नहीं दिया है. आलस्य और जल्दबाजी की कमी के बावजूद हम आलसी रवैये के प्रति सकारात्मक बने रहते हैं. कम से कम इतना तो कहा ही जा सकता है कि एमवीए बहुत ही चिंताजनक है. मैं समझता हूं कि दोनों के बीच सहमति का अभाव है.'
आंबेडकर ने कहा, 'मैं समझता हूं कि कांग्रेस और एसएस (यूबीटी) के बीच कम से कम 10 सीटों पर और कांग्रेस, एसएस (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) के बीच कम से कम 5 सीटों पर सहमति की कमी है. यही वजह है की MVA में सीट बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप देने में समय लग रहा है.'
पत्र में आगे लिखा गया है, 'चुनाव के लिए बचे समय को ध्यान में रखते हुए, कांग्रेस और एसएस (यूबीटी) के बीच सहमति की कमी, और एमवीए में सीट-बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप नहीं दिए जाने पर, मैंने एआईसीसी महाराष्ट्र से संपर्क करने का फैसला किया. रमेश चेन्निथला और मैंने बात की. शिवसेना (यूबीटी) कम से कम 18 सीटों पर अड़ी हुई है, जिन पर अविभाजित शिवसेना ने जीत हासिल की थी. चेन्निथला जी की चिंता को समझते हुए मैंने प्रस्ताव रखा कि वंचित बहुजन आघाड़ी और कांग्रेस को उन सभी सीटों पर एक साथ बैठकर चर्चा करनी चाहिए.'