Maratha Reservation VS OBC Reservation: मराठा आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे मनोज जरांगे पाटिल की भूख हड़ताल को काफी समर्थन मिल रहा है. हालांकि, पिछले कुछ दिनों से कुछ राजनीतिक नेताओं समेत कुछ लोगों ने सीधा रुख अपनाते हुए जरांगे की आरक्षण की मांग का विरोध किया है.


राज्य के राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा था कि जरांगे मराठा समुदाय नहीं है. इसके बाद स्वाभिमानी संभाजी ब्रिगेड संगठन ने आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा कि वे विखे पाटिल को महाराष्ट्र में घूमने नहीं देंगे. इसके बाद दूसरी ओर मराठा आंदोलन में डॉ. मनोज जरांगे पाटिल के सहयोगी रहे रमेश तारक के चेहरे पर कालिख पोतने की घटना हुई है. तारक का मुंह काला करने का वीडियो वायरल हो गया है.






वीडियो में देखा जा सकता है कि चार से पांच प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने पहले तो डॉ. तारख का स्वागत किया. इसके एक शख्स ने उन्हें पीछे से पकड़ लिया. इसके बाद उनके चेहरे पर काली स्याही पोत दी गई.


मनोज जरांगे ने सरकार को चेतावनी दी है कि मराठा समुदाय को ओबीसी से आरक्षण दिया जाए और आरक्षण की मांग मान ली जाए. जरांगे की मांग पर सरकार ने 1 महीने का समय मांगा है. दूसरी ओर, मराठा समुदाय को किसी भी हालत में ओबीसी से आरक्षण नहीं दिए जाने की मांग को लेकर लक्ष्मण हाके कुछ दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे थे जिसे उन्होंने खत्म कर दिया.


तारक ने अपने बयान में कहा, मैंने 2 महीने पहले मनोज जरांगे की भूख हड़ताल का विरोध करते हुए पत्र दिया था, 2 महीने बाद यह घटना घटी है. ये लोग आज सुबह मरीज बनकर मेरे पास आये. साथ ही उन्होंने कहा कि वह मुझे मेरे जन्मदिन की बधाई देते हैं, लेकिन यह बताने के बाद भी कि मेरा जन्मदिन आज नहीं है, उन्होंने मुझे बधाई दी. इसकी जांच होनी चाहिए कि इसके पीछे कौन है.


डाॅ. तारक ने कलेक्टर को पत्र लिखकर कहा था कि जारंगों की भूख हड़ताल को कुछ समय के लिए अनुमति न दी जाये. साथ ही इस मांग का एक ज्ञापन भी  जालना कलेक्टर को दिया गया. हालांकि, उसके बाद भी, मनोज जरांगे ने जालना के अंतरवाली सराती में अपनी भूख हड़ताल शुरू कर दी. अब इसी विरोध से नाराज होकर झुंझर छावा संगठन के कार्यकर्ताओं ने रमेश तारक के चेहरे पर काली स्याही पोत दी.


ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए 25 जून से भरे जाएंगे नामांकन फार्म, जानिए कब होगा मतदान और किस दिन आएंगे नतीजे?