Waqf Amendment Bill: वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति ने मसौदा रिपोर्ट और संशोधित विधेयक को बहुमत से स्वीकार कर लिया है. सांसदों को अपनी असहमति दर्ज कराने के लिए बुधवार (29 जनवरी) को शाम चार बजे तक का समय दिया गया है. विपक्षी गुट में शामिल उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) ने भी विधेयक पर असमति दी है.
शिवसेना (यूबीटी) के नेता अरविंद सावंत ने कहा, ''मैंने डिसेंट नोट दी है. पहले तो बहुत सारी गलतफहमियां फैलाई जा रही है. ये बिल इन्होंने राजनीतिक विचारों से लाया है, न की न्याय के लिए लाया है. इस बिल में संविधान का ही सम्मान नहीं है.''
उन्होंने कहा, ''जब आप कहते हैं कि वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम भी होगा तो हमारे हिंदुओं के जो मंदिर हैं, उससे मुझे डर लग रहा है कि हिंदुओं के मंदिर की जो व्यवस्था है उसमें किसी गैर हिंदुओं के रहने की अनुमति नहीं है. फिर वो हिंदुओं की व्यवस्थाओं के लिए वो मांग करेंगे. संघीय ढांचे खत्म किए जा रहे हैं. उनका कहना है कि बोर्ड में नॉमिनेट करेंगे, पहले चुनकर आते थे. आप समझ सकते हैं कि नॉमिनेट करने से क्या होगा.देश की एकता और अखंडता पर चोट है.''
ओम बिरला को सौंपा जाएगा बिल
संसद की संयुक्त समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल प्रस्तावित कानून का संशोधित संस्करण गुरुवार (30 जनवरी) को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप सकते हैं. समिति ने सोमवार (27 जनवरी) को हुई एक बैठक में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सदस्यों की तरफ से प्रस्तावित सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया था और विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को खारिज कर दिया था.
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