Waqf Board Amendment Bill 2024: केंद्र सरकार वक्फ एक्ट, 1995 को संशोधित करने के लिए एक विधेयक लेकर आई है, जिसे गुरुवार को लोकसभा में पेश किया गया. इस मुद्दे पर एनसीपी-एसपी की सांसद सुप्रिया (Supriya Sule) सुले ने कहा कि इसे स्टैंडिंग कमेटी की पास भेजा जाना चाहिए. इस पर पहले चर्चा होनी चाहिए और उसका बाद इसे पेश किया जाना चाहिए.
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए सुले ने कहा, ''हमने अभी देखा नहीं है. हम उनको कह रहे हैं. हम विरोध करेंगे. संयुक्त संसदीय समिति का गठन करे या फिर इसे स्टैंडिंग कमिटी के पास भेजे. इस पर चर्चा होनी चाहिए. सीधे बिल नहीं ला सकते हैं. देश में जवाबदेही के खिलाफ कोई नहीं है. इस देश को ईमानदार लोगों ने बनाया है. मुद्दा यह है कि इस विधेयक को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाए, इस पर चर्चा हो. हम सभी को समय चाहिए.''
सांसदों का अपमान कर रही सरकार- सुले
सुप्रिया सुले ने कहा कि बिना किसी सलाह के एजेंडा पुश नहीं किया जाए. यहां हैरानी वाली बात ये है कि हमें सरकार के जरिए बिल के बारे में मालूम नहीं चला, बल्कि मीडिया के जरिए हमें इस संबंध में पता लगा. क्या ये सरकार के काम करने का नया तरीका है. ये संसद और सांसदों का अपमान है.
वक्फ संशोधन विधेयक में यह प्रस्ताव
जिस वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को संसद में प्रस्तुत किया गया है जिसमें कई तरह के प्रावधानों को शामिल किया जाएगा. इसके तहत राज्य सरकार द्वारा राज्य के वक्फ बोर्डों में एक मुस्लिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी और कम से कम दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को नियुक्ति का प्रस्ताव है. इसके साथ ही जिला कलेक्टर को अधिकार दिया जाएगा जो यह जांच सके कि कोई संपत्ति वक्फ की है या सरकारी जमीन है. किसी विवाद का स्थिति में वक्फ ट्रिब्यूनल नहीं बल्कि कलेक्टर फैसला करेंगे. पहले विवाद पर फैसला वक्फ ट्रिब्यूनल लेता था.
ये भी पढ़ें- Navi Mumbai: हत्या के बाद गर्लफ्रेंड के शव को पत्थर से बांधकर समुद्र में फेंका, फिर दे दी जान