Waqf Board Bill News: केंद्र सरकार की ओर से वक्फ बोर्ड की शक्तियों को सीमित करने के लिए विधेयक पेश किए जाने के संबंध में खबरों के बीच शिवसेना (यूबीटी) की प्रतिक्रया आई है. पार्टी सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि अपनी विफलता को छुपाने के लिए यह बिल लाया गया है. जब संसद में आएगा तो देखेंगे. संविधान के दायरे में चीज होनी चाहिए.
गौरतलब है कि संसद का बजट सत्र जारी है. आज वक्फ बोर्ड संशोधन बिल समेत कई अहम विधेयक पटल पर रखे जाएंगे. विपक्ष और सत्तारूढ़ दलों के बीच बीते एक सप्ताह तक चली तीखी बहस के बाद आशंका पूरी है कि सोमवार को भी सदन में हंगामा मचेगा. लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विनियोग विधेयक और वित्त विधेयक पेश करेंगी.
सरकार की ओर से अभी नहीं की गई है पुष्टि
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार, वक्फ अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव भी संसद में पेश कर सकती है, जिससे वक्फ बोर्ड के संपत्ति नामित करने के अधिकार को सीमित किया जा सकता है. इन बदलावों में संपत्ति के दावों के लिए अनिवार्य सत्यापन शामिल होगा. हालांकि, सरकार की ओर से इसे लेकर कोई पुष्टि नहीं की गई है. सोमवार से सत्र शुरू होने से पहले विधायी एजेंडे में इसे लेकर कोई अपडेट भी नहीं किया गया है.
रविवार को रिपोर्ट में सरकारी अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि यह कदम मुस्लिम समुदाय की मांगों के अनुरूप है. ज्ञात हो कि साल 2013 में, कांग्रेस सरकार ने वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधनों के माध्यम से वक्फ बोर्डों की शक्तियों का विस्तार किया था, जो मुस्लिम कानून के तहत धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए नामित संपत्तियों को विनियमित करता है.
नए संशोधनों का मकसद केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य बोर्डों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना, जिला मजिस्ट्रेटों के साथ संपत्तियों की निगरानी के लिए उपाय करना और संपत्ति सर्वेक्षण में देरी को दूर करने जैसी बात शामिल है.इसके अलावा विपक्षी सदस्य राज्यसभा में कृषि और किसान कल्याण, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा और सहकारिता सहित कई मंत्रालयों के कामकाज पर चर्चा करने की योजना बना रहे हैं.