Ashadhi Ekadashi 2024: महाराष्ट्र सरकार ने कीर्तनकारों और वारकरियों (Warkari) को सुविधा प्रदान करने के लिए 'मुख्यमंत्री वारकरी निगम' की स्थापना का निर्णय लिया है. इस निगम के माध्यम से पारंपरिक मासिक वेतन पाने वाले श्रमिकों के लिए बुढ़ापे में पेंशन (Pension) योजना शुरू की जाएगी. इस संबंध में सरकार ने रविवार को आदेश जारी किया.
कीर्तनकारों और वारकरियों के लिए खुशखबरी
ABP माझा के अनुसार आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर पंढरपुर जाने वाली कई पालकियों के लिए अब राज्य सरकार ने राहत प्रदान की है. श्रमिकों को अब पेंशन मिलेगी, जिससे राज्य भर के लाखों श्रमिकों को लाभ होगा. राज्य सरकार ने भक्तों को सहायता प्रदान करने के लिए यह योजना बनाई है.
किसे मिलेगा पेंशन?
परंपरागत मासिक कार्य करने वाले श्रमिकों को अब बुढ़ापे में पेंशन मिलेगी. इस योजना को लागू करने के लिए 'मुख्यमंत्री वारकरी संप्रदाय महामंडल' की ओर से आदेश जारी किया गया है. वारकरी निगम का मुख्यालय पंढरपुर में होगा और इसके प्रबंध निदेशक के रूप में प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों या सेवानिवृत्त अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा. इस निगम की अंशपूंजी 50 करोड़ होगी और कीर्तनकारों को स्वास्थ्य बीमा कवर भी प्रदान किया जाएगा.
वारकरी मंडल की स्थापना
महाराष्ट्र सरकार ने बजट में वारकरी मंडल की स्थापना की घोषणा की थी और अब आषाढ़ी एकादशी से पहले इस पर अमल शुरू हो गया है. महाराष्ट्र सरकार ने 'मुख्यमंत्री वारकरी महामंडल' की स्थापना की है, जिसका मुख्यालय पंढरपुर में होगा.
इस निगम के माध्यम से पंढरपुर के विकास में भी तेजी आएगी और वारकरियों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा. हाल ही में वारकरी संप्रदाय के प्रतिनिधि राणा महाराज वास्कर ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और उन्हें इस निगम के लिए बधाई दी.
मुख्यमंत्री वारकरी निगम में क्या लाभ मिलेगा?
1- प्रत्येक वर्ष वित्तीय प्रावधान कर सभी पालकी मार्गों, स्वच्छता, स्वास्थ्य, आश्रय और सुविधाओं में सुधार की योजना बनाना.
2- आषाढ़ी और कार्तिकी वारी पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षा और बीमा कवर.
3- वारकरी भजनी मंडलों को भजन और कीर्तन सामग्री (ताल, मृदंग, वीणा आदि) के लिए अनुदान.
4- कीर्तनकारों के लिए स्वास्थ्य बीमा और मानद योजना.
5- पंढरपुर, देहु, आलंदी, मुक्ताईनगर, सासवड, पिंपलनेर, त्र्यंबकेश्वर, पैठण, कोल्हापुर, शेगांव, तारकेश्वर, भगवानगढ़, अगस्तऋषि, संत सवातमाली समाज मंदिर, अरन (टी. माधा, जिला सोलापुर) और अन्य तीर्थ स्थलों का विकास.
6- चंद्रभागा, इंद्रायणी, गोदावरी और अन्य नदियों को प्रदूषण मुक्त करने की तैयारी.
कौन होते हैं वारकरी?
वारकरी वो है जो 'वारि' करता है. वारकरी हिंदू धर्म की भक्ति आध्यात्मिक परंपरा के भीतर एक संप्रदाय (धार्मिक आंदोलन) है जो महाराष्ट्र से जुड़ा हुआ है. वारकरी पंढरपुर के पीठासीन देवता विट्ठल (जिन्हें विठोबा के नाम से भी जाना जाता है) की पूजा करते हैं, जिन्हें विष्णु का एक रूप माना जाता है. वारकरी से जुड़े भक्ति आंदोलन के संतों और गुरुओं में ज्ञानेश्वर, नामदेव, चोखामेला, एकनाथ और तुकाराम शामिल हैं, जिनमें से सभी को संत की उपाधि दी गई है.
ये भी पढ़ें: Kolhapur Clash: महाराष्ट्र के कोल्हापुर में भारी बवाल, दरगाह पर अतिक्रमण को लेकर झड़प, भारी पुलिसबल तैनात