Malegaon Blast Case: साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को गिरफ्तार करने वाले ATS अधिकारी के खिलाफ वारंट, यह है आरोप
Maharashtra News: मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को हुए बम धमाके में छह लोग मारे गए थे और करीब 100 अन्य घायल हुए थे. महाराष्ट्र पुलिस की एटीएस ने 23 अक्टूबर, 2008 को इस मामले में पहली गिरफ्तारी की थी.
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महाराष्ट्र की एक विशेष एनआईए अदालत (NIA Court) ने बीजेपी (BJP) सांसद साध्वी प्रज्ञा (Sadhvi Pragya Singh Thakur) को गिरफ्तार वाले आतंकवाद निरोधी दस्ते के अधिकारी के खिलाफ वारंट जारी किया है. यह एक जमानती वारंट है. दरअसल महाराष्ट्र पुलिस की ATS का यह अधिकारी बयान दर्ज करवाने के लिए अदालत में पेश नहीं हुआ था.महाराष्ट्र ATS ने साधवी प्रज्ञा को मालेगांव धमाके मामले में गिरफ्तार किया था.
अदालत ने क्यों जारी किया वारंट
मीडिया में आईं खबरों के मुताबिक एटीएस के इस अधिकारी को उसका बयान दर्ज करवाने के लिए अदालत ने समन किया था, लेकिन वो अदालत में पेश नहीं हुआ.इसके बाद अदावलत ने यह कार्रवाई की है.इस मामले में अगली सुनवाई अब 27 सितंबर को होगी.
इस मामले में अब तक 260 से अधिक गवाहों से पूछताछ हुई है. इनमें से 25 गवाह अपने बयान से मुकर चुके हैं. इस मामले के आरोपियों में प्रज्ञा ठाकुर के अलावा लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय रहीरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी शामिल हैं. ये सभी आरोपी जमानत पर हैं.
मालेगांव में धमाका
मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को एक बाजार में हुए बम विस्फोट हुआ था.इसमें छह लोगों की मौत हो गई थी और करीब 100 अन्य घायल हुए थे. महाराष्ट्र पुलिस की एटीएस ने 23 अक्टूबर, 2008 को इस मामले में पहली गिरफ्तारी की थी.उसने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को गिरफ्तार किया था. बाकी के आरोपी बाद में पकड़े गए. इस मामले में 20 जनवरी 2009 को एटीएस ने जांच पूरी कर अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी.वहीं केंद्र सरकार ने एक अप्रैल 2011 को इस मामले की आगे की जांच एनआईए को सौंप दी थी.
जमानत पर बाहर आने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर बीजेपी में शामिल हो गई थीं. बाद में बीजेपी ने उन्हें भोपाल की एक लोकसभा सीट से टिकट दे दिया था. वो 2019 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर सांसद चुनी गई थीं.
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