Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में शिवसेना की अगुवाई वाली महाविकास अघाड़ी (MVA) की सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackery) ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सरकार बनाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं. सुप्रीम कोर्ट द्वारा 30 जून यानी गुरुवार को फ्लोरटेस्ट कराए जाने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) के आदेश पर रोक लगाने से इनकार करने पर उद्धव ठाकरे ने पद से इस्तीफा दे दिया. इन सबके बीच महाराष्ट्र समेत बीजेपी की अन्य इकाईयों से पार्टी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के लिए बधाईयों का तांता लग गया. माना जा रहा है कि राज्य के नए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस होंगे. 


राज्य में साल 2019 में ही बीजेपी और शिवसेना ने साथ चुनाव लड़ा था. हालांकि चुनाव बाद गठबंधन टूट गया और शिवसेना, कांग्रेस और नेश्नलिस्ट कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी के गठबंधन से महाविकास अघाड़ी की सरकार बनी थी. इसी चुनाव के बाद देवेंद्र फडणवीस ने भी अजित पवार के समर्थन से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन वह सरकार बहुत देर तक नहीं चली थी और बाद में पवार ने बीजेपी नेता से समर्थन वापस ले लिया था.


इसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में नेता विपक्ष का जिम्मा संभाला था. इस दौरान सदन के विशेष सत्र में देवेंद्र फडणवीस ने कुछ ऐसा कहा था जो राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात में सटीक बैठ रहा है. सोशल मीडिया पर लोग देवेंद्र फडणवीस के इस संबोधन को 'शपथ' भी बता रहे हैं.


2019 में विधानसभा में कही थी ये बात
राज्य में जारी राजनीतिक संकट के बीच पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के कुछ भाषणों की क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. साल 2019 में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में बतौर नेता विपक्ष कहा था -  "मेरा पानी उतरता देख , मेरे किनारे पर घर मत बसा लेना, मैं समंदर हूँ, लौटकर वापस आऊँगा !". 



मई में देवेंद्र फडणवीस ने कहा था- 'ये जो हालात हैं ये सब....'
इसके अलावा पूर्व सीएम का दो महीने पुराना एक वीडियो भी वायरल हो रहा है. बीजेपी की एक मीटिंग के दौरान दिए गए संबोधन की क्लिप, बीजेपी नेता के यूट्यूब अकाउंट पर अपलोड की गई थी. इस क्लिप में देवेंद्र फडणवीस कह रहे हैं-


"ये जो हालात हैं ये सब तो सुधर जाएँगे,
पर जाते-जाते कई लोग निगाहों से उतर जाएँगे,
सवाल जहर का नहीं था, वो तो पी गया
तकलीफ लोगों को तब हुई जब पीकर भी मैं जी गया."



बता दें एक हफ्ते से अधिक समय पहले राज्य में राजनीतिक संकट उस समय शुरू हो गया जब शिवसेना के नेता और रज्य सरकार में मंत्री रहे एकनाथ शिंदे की अगुवाई में 39 के करीब विधायक बागी हो गए और उद्धव सरकार से समर्थन वापस ले लिया. उनकी मांग थी कि शिवसेना, बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाए और देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया जाए.


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