Sharad Pawar Resignation: शरद पवार ने महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि पूरे देश के राजनीतिक तबके को एक बार फिर झटका दिया है. एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने घोषणा की कि वह एनसीपी के प्रमुख के रूप में पद छोड़ रहे हैं, जिस पार्टी का गठन उन्होंने 1999 में कांग्रेस से अलग होने के बाद किया था. इस घोषणा का समय इसका सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. अगले दो हफ्तों के भीतर, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और 15 अन्य विधायकों को अयोग्य ठहराने की उद्धव ठाकरे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है.


इससे पहले, महाराष्ट्र की राजनीतिक दुनिया में अजित पवार के बीजेपी के साथ संभावित गठबंधन और देवेंद्र फडणवीस के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने की संभावना सहित कई तरह की अफवाहें थीं.


अजित पवार को लेकर अटकलें
CNBC में छपी एक खबर के मुताबिक, सोशल और मेनस्ट्रीम मीडिया पवार के भतीजे और एनसीपी नेता अजित पवार के बीजेपी से हाथ मिलाने की योजना की अटकलों से भरा हुआ था. पिछले हफ्ते मीडिया में अन्य महत्वपूर्ण खबर महाराष्ट्र सरकार में सत्ता परिवर्तन के बारे में थी, जिसमें कहा गया था कि एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम होंगे और देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में पदोन्नत किया जाएगा, हालांकि सभी राजनीतिक दलों ने इन अफवाहों को खारिज कर दिया.


पवार का चौंका देने वाला कदम
शरद पवार द्वारा एनसीपी प्रमुख के रूप में पद छोड़ने की अचानक घोषणा, महाराष्ट्र की राजनीति का चेहरा बदलने जा रही है जैसा कि किसी का अनुमान है. एनसीपी महाराष्ट्र की महत्वपूर्ण पार्टियों में से एक है, जिसकी पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठा मतदाताओं पर मजबूत पकड़ है.


अहम सवाल यह है कि एनसीपी का नया प्रमुख कौन होगा. यह कोई रहस्य नहीं है कि शरद पवार हमेशा से चाहते थे कि उनकी बेटी सुप्रिया सुले पार्टी की कमान संभालें और उसका नेतृत्व करें. लेकिन, यह तय था कि पार्टी में अजित पवार का कद और पार्टी का नेतृत्व करने की उनकी महत्वाकांक्षा सुप्रिया सुले को बागडोर नहीं लेने देगी.


अजित पवार का बयान
अजित पवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, "एक आंतरिक समिति का गठन किया गया है और यह समिति आगे की कार्रवाई तय करेगी." मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में आयोजित एमवीए रैली - वज्रमुठ के ठीक एक दिन बाद शरद पवार के एनसीपी प्रमुख के पद से इस्तीफा देने की घोषणा ने भी कुछ अफवाहों को जन्म दिया था कि पवार परिवार के भीतर आम सहमति के बाद अचानक निर्णय लिया गया था.


राज्य की राजनीति पर करीब से नजर रखने वाले एक राजनीतिक पर्यवेक्षक ने कहा, "पहले की अटकल थी कि अजित पवार बीजेपी में शामिल हो सकते हैं और एमवीए गठबंधन के प्रभावित होने या पुनर्गठित होने की संभावना है.


MVA पर कितना पड़ेगा असर?
हालांकि, एनसीपी सुप्रीमो के फैसले का निश्चित रूप से तीन दलों के गठबंधन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा. चूंकि महा विकास अघाड़ी, जिसे विभिन्न विचारधाराओं के साथ तीन दलों के गठबंधन द्वारा बनाया गया था.


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