मुंबई: यहां के शिवाजी पार्क (Shivaji Park Mumbai) में शिवसेना (Shiv Sena) की दशहरा रैली (Dussehra Rally) पर राजनीति जारी है. शिवसेना के दोनों गुटों ने इस पार्क में रैली की इजाजत के लिए बीएमसी के पास आवेदन किया है.लेकिन बीएमएसी ने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है.बीएमसी की ओर से की जा रही देरी को देखते हुए शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने बांबे हाई कोर्ट (Bombay High Court) का दरवाजा खटखटाया है. उसका आरोप है कि बीएमसी (BMC) जानबूझकर देरी कर रही है.ऐसे में आइए जानते हैं कि शिवसेना की इस रैली का इतिहास क्या है.
शिवसेना की स्थापना कब हुई
शिवसेना की स्थापना 19 जून 1966 को की गई थी. स्थापना के बाद शिव सेना ने 30 अक्तूबर 1966 को मुंबई के शिवाजी पार्क में एक बड़ी रैली की थी. उसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे. जिस दिन यह रैली हुई थी, उस दिन दशहरा था.
शिव सेना की 30 अक्तूबर 1966 को शिवाजी पार्क में हुई रैली के बाद से दशहरा पर शिवाजी पार्क में आयोजन करने की परंपरा बन गई. यह परंपरा 1966 से जारी है, लेकिन 2020 और 2021 को शिवाजी पार्क में शिव सेना की दशहरा रैली नहीं हुई, क्योंकि देश कोरोना का सामना कर रहा था. मुंबई देश में कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित शहरों में शामिल था.
शिवसेना की दशहरा रैली
शिव सेना ने 2020 में कोरोना के कारण लगाए गए प्रतिबंधों को देखते हुए दशहरा पर एक वर्चुअल रैली का आयोजन किया था.वहीं उसने 2021 में मुंबई षण्मुखानंद हॉल में इसका आयोजन किया था.इसमें भी हॉल की कुल क्षमता के आधे लोगों को ही बुलाया गया था.
शिव सेना शिवाजी पार्क को शिव तीर्थ कहती है.उसके पहले मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने शिवाजी पार्क में ही शपथ ली थी. उद्धव ठाकरे ने भी मुख्यमंत्री पद की शपथ शिवाजी मैदान में ही ली थी. पार्टी के संस्थापक बाला साहब ठाकरे और उनकी पत्नी मीना ताई ठाकरे का स्मारक भी शिवाजी पार्क में ही बना है.
शिवसेना और शिवाजी पार्क
शिव सेना के लिए शिवाजी पार्क के महत्व को ऐसे समझा जा सकता है कि बाला साहब ठाकरे अपने सभी बड़े राजनीतिक फैसलों का ऐलान इसी पार्क में ही करते थे.उन्होंने उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे का राजनीति में पदार्पण इसी शिवाजी पार्क में 2010 की दशहरा रैली में करवाया था.
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