कौन हैं 'मशाल' छोड़कर 'तीर-कमान' थामने वाले रविंद्र वायकर? उद्धव ठाकरे को दिया है बड़ा झटका
Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा है. रविंद्र वायकर शिवसेना (UBT) का साथ छोड़कर एकनाथ शिंदे खेमे में चले गए हैं. यहां उनके बारे में जानिए.
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Know About Ravindra Waikar: रविंद्र वायकर ने उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका दिया है. वो 14वीं महाराष्ट्र विधान सभा के सदस्य हैं जो जोगेश्वरी पूर्व विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. वह 2009, 2014 और 2019 में लगातार तीन बार विधानसभा के लिए चुने गए हैं. कुछ दिन पहले ही रविंद्र वायकर ने एकनाथ शिंदे गुट का दामन थाम लिया है. इससे पहले वो शिवसेना (UBT) गुट में थे.
रविंद्र वायकर पर बिना अनुमति लिए जोगेश्वरी में आरक्षित भूमि पर अवैध रूप से होटल बनाने का आरोप भी है. उनके शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में जाने की अटकलें कई महीनों से लगाई जा रही थीं और यह आरोप लगाया गया था कि वह जांच एजेंसियों के दबाव में थे.
वायकर का राजनितिक करियर कैसा है?
रविंद्र वायकर 1992 में पहले कार्यकाल के लिए बीएमसी में पार्षद के रूप में चुने गए थे. इसके बाद 1997 में वे दूसरे कार्यकाल के लिए बीएमसी में नगरसेवक के रूप में फिर से चुने गए. 2002 में वो तीसरे कार्यकाल के लिए बृहन्मुंबई नगर निगम में नगरसेवक के रूप में फिर से चुने गए. 2007 में चौथे कार्यकाल के लिए BMC में नगरसेवक के रूप में फिर से चुने गए.
2006 से 2010 तक बीएमसी की स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में भी रविंद्र वायकर ने कार्य किया है. 2009 में वे महाराष्ट्र विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए. 2014 में महाराष्ट्र विधान सभा के लिए वे दोबारा निर्वाचित हुए. महाराष्ट्र के आवास, उच्च और तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री के रूप में भी वायकर ने काम किया है. उन्होंने रत्नागिरी जिले के संरक्षक मंत्री के रूप में भी कार्य किया है. 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा के लिए वायकर फिर से निर्वाचित हुए. अब वर्तमान समय में 2024, मार्च महीने की बात करें तो रविंद्र वायकर ने उद्धव गुट को छोड़ दिया और एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना में शामिल हो गए.
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