किस वजह से टूटा था बीजेपी-शिवसेना गठबंधन? कई साल बाद देवेंद्र फडणवीस ने खोला राज
Maharashtra Politics: देवेंद्र फडणवीस ने ने कहा कि शिवसेना ने अपने मन में तय कर लिया था कि उसे 151 सीटों पर ही चुनाव लड़ना है, जबकि हमारा प्रस्ताव था कि हम 127 और शिवसेना 147 सीटों पर लड़ेगी.

Maharashtra News: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना और बीजेपी के गठबंधन टूटने की अंदरूनी कहानी बताई है. फडणवीस ने एक बड़ा खुलासा करते हुए 2014 में शिवसेना और बीजेपी के बीच हुए विवाद की अंदरूनी बात शेयर की है. सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर के अभिनंदन समारोह में बोलते हुए फडणवीस ने पहली बार बातचीत और गठबंधन टूटने के कारणों के बारे में खुलकर बात की.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "जब गठबंधन की बातचीत शुरू हुई थी, उस समय की शिवसेना ने अपने मन में तय कर लिया था कि उसे केवल 151 सीटों पर ही चुनाव लड़ना है, जबकि हमारा प्रस्ताव था कि हम 127 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और शिवसेना 147 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, बाकी सीटें हम अपने छोटे गठबंधन सहयोगियों को देंगे. इस कारण से बात आगे नहीं बढ़ पाई."
शायद विधि का विधान ये भी था कि मुझे मुख्यमंत्री बनना था- देवेंद्र फडणवीस
उन्होंने कहा, "हमने उन्हें बहुत समझाया कि हम 127 पर चुनाव लड़ेंगे और आप 147 पर चुनाव लड़ें, आपका मुख्यमंत्री होगा और हमारा उपमुख्यमंत्री होगा. वे समझौता करने के लिए तैयार नहीं थे. शायद विधि का विधान ये भी था कि मुझे मुख्यमंत्री बनना था, लेकिन वो बिल्कुल कौरव वाले मूड में आ गए की पांच गांव भी नहीं देंगे तो हमने कहा श्री कृष्ण है हमारे पास, हम भी लड़ाई लड़ लेंगे और फिर लड़ाई हो गई.
बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन में लड़ा था 2019 का महाराष्ट्र चुनाव
बता दें कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था. चुनाव में जीत के बाद सरकार बनाने को लेकर दोनों में तकरार हुआ और गठबंधन टूट गया. शिवसेना फिर कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई, जो लगभग ढाई साल चली. इसके बाद शिवसेना में एकनाथ शिंदे और उनके करीबी विधायकों ने बगावत कर दी.
ऐसे में शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की सरकार गिर गई और एकनाथ शिंदे ने बीजेपी से मिलकर सरकार बना ली. कुछ दिनों बाद एनसीपी में भी अजित पवार ने बगावत की और बीजेपी और शिवसेना के साथ सरकार में शामिल हो गई.
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