Maharashtra News: एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा (Pradeep Sharma) की पत्नी स्वीकृति शर्मा (Swikriti Sharma) एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना में सोमवार (29 जुलाई) को शामिल हो गईं. उन्होंने कई कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी की सदस्यता ली. उनके साथ बेटियां अंकिता शर्मा और निकिता शर्मा भी शिवसेना में शामिल हुईं.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नंदनवन स्थित आवास पर पार्टी प्रवेश संपन्न हुआ. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पीएस फाउंडेशन की ओर से कोरोना काल में किये गये सामाजिक कार्यों की विशेष रूप से सराहना की. उन्होंने यह भी कहा कि अगर अंधेरी में कोई समस्या है तो सरकार के जरिए उसका समाधान जरूर किया जाएगा.
विधानसभा चुनाव से पहले स्वीकृति शर्मा के पार्टी में शामिल होने के फैसले के बाद ये सवाल है कि क्या उन्हें विधानसभा का टिकट भी मिलेगा. अभी इस पर कोई तस्वीर साफ नहीं हुई है.
प्रदीप शर्मा ने खुद 2019 में अविभाजित शिवसेना से चुनाव लड़ा था उस उसका नेतृत्व उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) कर रहे थे. प्रदीप शर्मा ने क्षितिज हितेंद्र ठाकुर के खिलाफ चुनाव लड़ा था.
स्वीकृति इससे पहले शक्ति प्रदर्शन भी करेंगी. वह 25 बसों, 50 चार पहियों और 100 अधिक बाइक के साथ शक्ति प्रदर्शन करेंगी और फिर शिवसेना ज्वाइन करेंगी. स्वीकृति समाज सेविका हैं और फिलहाल 'महिला स्वालंबन समिति' की अध्यक्ष हैं. दोनों पति-पत्नी ने लोकसभा चुनाव में शिवसेना के लिए प्रचार किया था. हाल ही में जब महाराष्ट्र सरकार ने 'लड़की बहिन योजना' की शुरुआत की थी तो दोनों ने उसका समर्थन किया था.
2019 में पुलिस सेवा से प्रदीप शर्मा ने दिया इस्तीफा
प्रदीप शर्मा की बात करें तो अगस्त 2008 में उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया था. हालांकि 2017 में दोबारा नौकरी बहाल कर दी गई थी जब उन्हें निर्दोष घोषित किया गया था. 35 साल के लंबे करियर को हालांकि प्रदीप शर्मा ने छोड़ते हुए 2019 में पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया था और पॉलिटिक्स में एंट्री कर ली थी. उन्होंने 2019 में नालासोपारा से चुनाव लड़ा था और उन्हें बहुजन विकास अघाड़ी के प्रत्याशी क्षितिज हितेंद्र ठाकुर ने हराया दिया था.
प्रदीप शर्मा कैसे बने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट?
प्रदीप शर्मा मूल से रूप से यूपी के रहने वाले हैं लेकिन उनका परिवार महाराष्ट्र के धुले में आकर बस गया था. उन्होंने 1983 में पुलिस सेवा ज्वाइन की थी. उनके कार्यकाल में महाराष्ट्र में 312 अपराधियों का एनकाउंटर हुआ था जिस वजह से वह एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में चर्चित हो गए थे. प्रदीप शर्मा ने दाउद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को उगाही के मामले में गिरफ्तार किया था.
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