उद्धव ठाकरे की पार्टी टूटने वाली है? शिवसेना-यूबीटी ने दिया एकनाथ शिंदे को झटका देने वाला बयान
Maharashtra Politics: अरविंद सावंत ने कहा कि संसद में शिवसेना-यूबीटी कार्यालय के लिए जगह के उद्घाटन के मौके पर पार्टी के सभी 11 सांसद मौजूद थे. जब सब कुछ ठीक चल रहा है और उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं.

Maharashtra News: शिवसेना-यूबीटी के सांसदों ने एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल होने की खबरों का खंडन किया है. सांसदों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने के बाद एकजुटता दिखाते हुए शिवसेना में शामिल होने की खबरों का खंडन किया. इस मौके पर शिवसेना-यूबीटी के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि आज देश के सभी चैनल खबरें चला रहे हैं, हम भी इससे स्तब्ध हैं.
अरविंद सावंत ने कहा, "इतने बड़े जनादेश के साथ सत्ता में आने के बावजूद सरकार ठीक से काम नहीं कर रही है. तो वे कैसे काम करेंगे? बस ये अफवाहें चलाओ. संसद में शिवसेना (यूबीटी) कार्यालय के लिए जगह के उद्घाटन के मौके पर हमारे यूबीटी के सभी 11 सांसद मौजूद थे. जब सब कुछ ठीक चल रहा है और उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं, तो ये अफवाहें फैलाई जा रही हैं."
#WATCH | Shiv Sena (UBT) MP Arvind Sawant says, "All channels in the country are running news reports today, we too, were, stunned by it...Despite coming to power with such a huge mandate, the Government is not functioning properly. So, how will they operate? Just run these… pic.twitter.com/3rfkKCsKLy
— ANI (@ANI) February 7, 2025
शिवसेना-यूबीटी सांसद ने कहा, "हम सभी आपके सामने मौजूद हैं. यूबीटी का एक भी सांसद कहीं नहीं गया है. हम 100 फीसदी शिवसेना (यूबीटी) के साथ हैं. हम आपको यही बताने आए हैं."
6 सांसदों के शिंदे गुट के संपर्क में होने का किया गया था दावा
इससे पहले विश्वसनीय सूत्रों ने एबीपी न्यूज़ को जानकारी दी है कि उद्धव ठाकरे के 6 सांसद शिंदे गुट के संपर्क में हैं. ऑपरेशन टाइगर के जरिए ठाकरे गुट के नौ में से छह सांसद शिंदे गुट में शामिल हो सकते हैं. सूत्रों से पता चला है कि आगामी संसद सत्र से पहले इस अभियान को पूरा करने की कवायद चल रही है.
ऑपरेशन टाइगर पर कई दिनों से चर्चा चल रही है, लेकिन सांसद दल-बदल विरोधी कानून के कारण 6 सासंदों की संख्या जुटाने में पिछले कुछ दिनों से सांसदों से संपर्क रखा गया था. अगर इस कानून से बचना था तो ठाकरे के नौ में से छह सांसदों को अलग होना था, अन्यथा, दल-बदल विरोधी कानून के तहत अलग हुए समूह के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती थी.
इसलिए दल-बदल विरोधी कानून से बचने के लिए 6 सांसदों की संख्या महत्वपूर्ण थी. ऐसे में सांसदों को पूरी तरह से मनाने में समय लगा. हालांकि, इन दावों को शिवसेना-यूबीटी के सांसदों ने खारिज कर दिया है.
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