Priyanka Chaturvedi on Women Reservation Bill: महिला आरक्षण विधेयक पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है, "हर राजनीतिक दल इस ऐतिहासिक दिन का इंतजार कर रहा था. पीएम मोदी ने 2014 में वादा किया था, बीजेपी के घोषणापत्र में इसका उल्लेख किया गया था कि सरकार सत्ता में आते ही महिला आरक्षण बिल पारित होगा. यह साढ़े नौ साल बाद आया है. सभी विधेयक जो एक अधिनियम बन जाते हैं, एक कानून बन जाते हैं, उन्हें तुरंत लागू किया जाता है.
दुर्भाग्य से, जब बिल पेश किया गया था, तो एक नियम और शर्त थी कि अधिनियम पारित किया जाएगा लेकिन यह परिसीमन पूरा होने पर ही लागू किया जाएगा...तो, आपने महिलाओं को एक और 'जुमला' दे दिया है - हमने आपके लिए दरवाजे खोले हैं लेकिन आप दरवाजे से बाहर रहें और हम आपको तभी प्रवेश देंगे जब फलां काम पूरा हो जाएगा."
प्रियंका चतुर्वेदी ने क्या कुछ कहा है?
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने महिला आरक्षण विधेयक का स्वागत किया, लेकिन कहा कि सरकार ने महिलाओं के लिए दरवाजे तो खोल दिए हैं, लेकिन ''अभी भी प्रवेश नहीं'' है. “बिल में लिखा था कि इसे तुरंत अधिनियमित नहीं किया जाएगा क्योंकि यह परिसीमन लागू होने के बाद ही लागू होगा. यानी 2029 तक ये आरक्षण लागू नहीं होगा. विधेयक को पेश करना जरूरी बताते हुए चतुर्वेदी ने कहा, ''यह 30 वर्षों से संघर्ष रहा है. हमारे संविधान ने समानता का वादा किया है...कई पार्टियों ने भाजपा को 9.5 साल पहले जारी अपने घोषणापत्र के अनुसार अपना वादा याद दिलाया. यह देर से आया लेकिन मुझे उम्मीद है कि यह जल्द ही कार्यान्वित होगा.”
शिवसेना सांसद ने आगे कहा, “एक महिला होने के नाते, मैं कहूंगी कि महिलाओं के सामने सबसे बड़ी समस्या 'चरित्र हनन' की है. मुझे उम्मीद है कि यह बिल ऐसी मानसिकता को खत्म कर देगा. पुरुष प्रधान समाज को यह याद रखना चाहिए कि महिलाएं भी इसका हिस्सा हैं.'' उन्होंने कहा, ''2024 के आम विधानसभा चुनाव में महिलाओं को चुना जाना चाहिए और उन्हें देश के विकास में भूमिका निभानी चाहिए.''