Year Ender: बगावत, NCP पर दावा, BJP से गठबंधन और तीसरी बार डिप्टी CM, अजित पवार के नाम रहा साल 2023
Year Ender 2023: ये साल अब खत्म होने को है. इस साल अजित पवार के एक फैसले ने एनसीपी में भूचाल ला दिया. इस खबर में जानिए कैसे साल 2023 अजित पवार के नाम रहा.
Flashback 2023: एनसीपी में पार्टी नेतृत्व के प्रति अजित पवार का असंतोष कोई हालिया घटना नहीं है, बल्कि इसकी जड़ें बहुत गहरी हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के भीतर दरार, शिवसेना के विभाजन के ठीक एक साल बाद सामने आई, जब अजित पवार ने भी अपने फैसले से एनसीपी में खलबली ला दी. यूं तो ये साल 2023 अब खत्म होने को आया है. इस साल महाराष्ट्र की राजनीति में काफी उथल-पुथल देखने को मिली. ये साल 2023 अजित पवार के नाम रहा. इस साल कई राजनीतिक घटनाक्रम में सबसे बड़ी खबर अजित पवार के नाम रही.
अजित पवार के फैसले ने सबको चौंकाया
इस साल अजित पवार ने शरद पवार को झटके पर झटके दिए. अजित पवार का शरद पवार से हाथ छुड़ाना न सिर्फ चाचा के लिए चौंकाने वाला था बल्कि पूरे महाराष्ट्र और देश के लिए ये एक बड़ी ब्रेकिंग न्यूज़ थी. अजित पवार के फैसले का प्रभाव न केवल उन पर बल्कि विधान सभा के काफी संख्या में सदस्यों (विधायकों) पर भी महसूस किया गया, अजित पवार जब शरद पवार से अलग हुए तो उनके साथ कई विधायक भी उनके पीछे-पीछे निकल गए. अजित पवार ने फैसला किया कि मुझे अब अपने चाचा से अलग होना है. उन्होंने इसके बाद सीधा महागठबंधन का दामन थाम लिया. यहां से अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से सभी राजनीतिक संबंध तोड़ दिए और शिंदे-फडणवीस सरकार के साथ जुड़ने का विकल्प चुना.
अजित पवार ने शरद पवार को दिए कई झटके
अजित पवार ने नौ विधायकों के साथ, महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार के पीछे अपना समर्थन देते हुए, अपनी राजनीतिक निष्ठा को फिर से स्थापित किया. राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान "अजित दादा, हम आपके साथ हैं" के नारों से गूंज उठा क्योंकि अजित पवार ने 2019 के बाद से लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. अजित पवार की तरफ से शरद पवार को ये बहुत बड़ा झटका था. अभी शरद पवार इस झटके से उबर ही रहे थे कि भतीजे ने शरद पवार को दूसरा झटका दे दिया.
NCP पर ठोका दावा
भारत के चुनाव आयोग (ECI) को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और उसके प्रतीक पर अपना दावा करते हुए अजित पवार गुट से एक याचिका प्राप्त हुई है. अजित पवार गुट का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रस्तुत हलफनामे में दावा किया कि, “30 जून, 2023 को, एनसीपी के विधायी और संगठनात्मक दोनों विंगों के सदस्यों के भारी बहुमत द्वारा समर्थित एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें अजित पवार को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है." प्रफुल्ल पटेल एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्षों में से एक के रूप में काम करना जारी रखेंगे. "एनसीपी भी महाराष्ट्र विधानसभा में अजित पवार को एनसीपी विधायक दल के नेता के रूप में नामित करने के लिए आम सहमति पर पहुंची, जिसे भारी बहुमत से पारित एक प्रस्ताव के माध्यम से विधिवत मंजूरी दी गई."
ये शरद पवार के लिए दूसरा बड़ा झटका था जहां अजित पवार ने एनसीपी और चुनाव चिन्ह पर अपना दावा ठोक दिया. इसके बाद शरद पवार गुट ने भी इसका सामना किया, फिर ये मामला चुनाव आयोग के पास चला गया जहां अभी भी एनसीपी किसकी है और इसका बॉस कौन है पर सुनवाई चल रही है. अब यहां से क्या शरद पवार को एक और झटका लगेगा या ये दांव अजित पवार पर ही भारी पड़ेगा ये तो आने वाले वक्त में जल्द ही पता लग जाएगा.
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