Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को भारी बहुमत मिलने के बाद विपक्षी पार्टियों के नेता लगातार ईवीएम को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. इस बीच शरद पवार गुट के नेता युगेंद्र पवार ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने चुनाव आयोग में अजित पवार के खिलाफ आवेदन दिया है. बारामती सीट से एनसीपी (SP) के उम्मीदवार रहे युगेंद्र पवार ने 19 EVM के माइक्रोकंट्रोलर को सत्यापित करने के लिए जिला प्रशासन के पास आवेदन दाखिल किया है.
एनसीपी (SP) के नेता युगेंद्र पवार ने इस काम के लिए करीब 9 लाख रुपये (8.96 लाख रुपये) जमा कराए हैं. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए गए थे. चुनाव परिणाम आने के 7 दिन के अंदर ईवीएम वेरिफिकेशन के लिए आवेदन दायर करना था.
EVM माइक्रोकंट्रोलर वेरिफिकेशन के लिए आवेदन
शरद पवार गुट के नेता युगेंद्र पवार के अलावा विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले कई और प्रत्याशियों ने भी ईवीएम माइक्रोकंट्रोलर के वेरिफिकेशन की मांग करते हुए आवेदन दाखिल किए हैं. इनमें एनसीपी (एसपी) के हडपसर से उम्मीदवार प्रशांत जगताप, पुणे कैंट से कांग्रेस के प्रत्याशी रमेश बागवे भी शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट का क्या है दिशा-निर्देश
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव परिणाम के बाद प्रत्याशियों ने 137 EVM में माइक्रोकंट्रोलर के वेरिफिकेशन के लिए आवेदन दायर किया. फी के तौर पर इन उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग को करीब 66.64 लाख रुपये की राशि जमा कराई है. EVM में माइक्रोकंट्रोलर के वेरिफिकेशन के लिए सुप्रीम कोर्ट का साफ तौर से दिशा निर्देश है.
इसमें नियम है कि किसी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव नतीजों के बाद कोई उम्मीदवार अगर दूसरे या तीसरे नंबर पर आते हैं तो वो माइक्रोकंट्रोलर की जांच के लिए आग्रह कर सकते हैं. ईवीएम में से 5 फीसदी माइक्रोकंट्रोलर की ही जांच करने का नियम है.
बता दें 23 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम में महायुति गठबंधन के घटक दलों ने शानदार प्रदर्शन किया. बीजेपी ने 132 सीट, शिवसेना ने 57 और अजित पवार गुट ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की. वहीं, महाविकास आघाड़ी को महज 46 सीटों पर जीत हासिल हुई.
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