लखनऊ, एबीपी गंगा। प्रदेश में इन दिनों ब्राह्मणों को रिझाने को लेकर चल रही राजनीति में मायावती भी कूद गई हैं. मायावती ने कहा है कि जब प्रदेश में बसपा की सरकार आएगी तो ब्राह्मणों के देवता परशुराम की मूर्ति बनवाएंगी. उन्होंने इस दौरान समाजवादी पार्टी की मंशा पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अगर समाजवादी पार्टी को भगवान परशुराम की मूर्ति लगवानी थी तो अपनी सरकार में लगवाते. उन्होंने कहा कि सपा कहती तो लेकिन बसपा करके भी दिखाती है. बसपा की सरकार में सपा की तुलना में बड़ी मूर्ति लगवाई जाएगी.


उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने ये बात रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही. इसके साथ ही उन्होंने कोरोना से निपटने की सरकार की तैयारियों पर भी सवाल उठाए. मायावती ने कहा कि प्रदेश में जब बसपा की सरकार बनेगी तो अस्पतालों का निर्माण करेगी. मायावती ने कहा कि ब्राह्मण समाज की आस्था के प्रतीक परशुराम और सभी जातियों, धर्मों में जन्मे महान संतों के नाम पर अस्पताल और ठहरने की सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा.


इस दौरान मायावती ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में चार बार बसपा की सरकार बनी. इस दौरान सभी वर्गों के महान संतों के नाम जनहित की अनेक योजनाएं शुरू कीं. मायावती ने आगे कहा कि इसके बाद प्रदेश में सपा की सरकार बनी तो जातिवादी मानसकिता और द्वेष के चलते इनके नाम बदले और कुछ को बंद भी किया लेकिन बसपा की सरकार बनते ही इन्हें फिर से बहाल किया जाएगा.


राष्ट्रपति को न बुलाए जाने पर उठाए सवाल
वहीं, इस दौरान मायावती ने केंद्र सरकार पर भी सवाल उठाए. मायावती ने कहा कि 5 अगस्त को हुए भूमि पूजन में प्रधानमंत्री, यूपी के मुख्यमंत्री और राज्यपाल समेत अनेक लोगों को आमंत्रित किया लेकिन अच्छा होता अगर पीएम अपने साथ दलित समाज से जुड़े राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी लेकर जाते. उन्होंने कहा कि कुछ दलित संतों को भी राम मंदिर भूमि पूजन में आमंत्रित नहीं किया गया.


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