मुंबई: लॉकडाउन में किराया और कमर्शियल खर्च मुंबई की नाइट लाइफ को गुलजार करने वाले पब मालिकों की कमर तोड़ रहा है. ऐसे में वे इसे बंद कर सकते हैं. इन्होंने राज्य की सरकार से पूछा है कि 'मिशन बिगेन अगेन' के तहत उन्हें रोजी रोजी कमाने और काम शुरू करने का आदेश कब मिलेगा?
मिशन बेगिन अगेन के तहत मुंबई के रेस्टोरेंट और होटल शुरू हो रहे हैं जिसकी परमिशन सरकार ने दे दी है. लेकिन मुंबई की नाइट लाइफ को गुलजार करने वाले नाइट क्लब मालिकों का सरकार से मांग है कि सरकार उन्हें भी रास्ता दिखाए. चार महीने से बंद पड़े उनके पब की हालत बेकार हो चुकी है और ज्यादातर क्लब बंद होने की कगार पर है.
एबीपी न्यूज़ ने मुंबई के मलाड इलाके में IGNIGHT नाम का नाइट क्लब चलाने वाले चिराग टोपरानी से बातचीत की. चार महीने से बंद पड़े अपने पब के बारे में बात करते हुए चिराग का गला भर आया. उन्होंने बताया कि उनके क्लब शुरू हुए अभी एक साल ही हुए थे. आठ महीने का समय उसे सजाने-संवारने में ही गुजर गया. अब उनके सामने कोरोना का संकट खड़ा हो गया है.
चिराग बताते हैं कि अपने क्लब को बड़ा करने और उससे अपनी एक हैसियत बनाने की उनकी बहुत ख्वाहिश थी लेकिन लगता है सब कुछ खत्म हो जाएगा. वे बताते हैं कि क्लब बंद है लेकिन महीने में करीब 4 से 5 लाख का खर्च उनकी कमर तोड़ रहा है, ढाई लाख सिर्फ क्लब की जगह का किराया जाता है. इसके बाद बिजली विभाग ने बंद पड़े नाइट क्लब का करीब डेढ़ लाख बिल भेज दिया है. साथ ही कुछ अपने कर्मचारियों को अभी भी सैलरी दे रहे हैं ताकि क्लब खोलने पर उनके क्लब में काम करने वाले उन के लोग मौजूद रहें.
लेकिन इन 4 महीनों में अब क्लब के खर्च ने उनकी कमर तोड़ दी है और शायद सरकार की तरफ से कोई सहूलियत नहीं मिली तो उन्हें अपने नाइट क्लब को बंद करना पड़ेगा. चिराग बताते हैं कि मुंबई के करीब 30 फीसदी नाइट क्लब बंद हो चुके हैं क्योंकि उसका खर्च सहन नहीं कर सकते थे.
अब जो लोग महाराष्ट्र सरकार के मिशन बिगन अगेन के तहत अपना क्लब चलाने की हिम्मत जुटा रहे हैं उन्हें अब सरकार के सहारे की जरूरत है. अगर सरकार ने मुंबई की नाइट लाइफ को गुलजार करने वाले नाइट क्लबों को सहारा नहीं दिया तो क्लब बंद हो जाएंगे.
मुंबई में नाइट क्लब और रेस्टोरेंट चलाने वाले ऐसे ही एक शख्स सानू खान से बातचीत हुई. शानू खान का मुंबई के अंधेरी इलाके में रेस्टोरेंट था जिसका महीने का किराया डेढ़ लाख होता था लेकिन लंबे लॉकडाउन की वजह से उनके रोजगार का बैलेंस बिगड़ गया और उन्हें अपना होटल बंद करना पड़ा.
मुंबई में होटल रेस्टोरेंट और सब चलाने वाले ऐसे लोगों की महाराष्ट्र सरकार से मांग है कि सरकार नाइट क्लब और रेस्टोरेंट के किराए के मुद्दे पर ध्यान दें और उन्हें चलाने वाले लोगों को उस पर सहूलियत दी जाए. साथ ही बंद पड़े होटल पर जो लाखों का बिजली बिल आ रहा है, सरकार उसको माफ करे. इस कोरोना संकट में अब इस इंडस्ट्री को सिर्फ सरकार का सहारा है.
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