MP Assembly Election 2023: मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कब तक होंगे चुनाव और कब तक बन सकती है नई सरकार?
MP Election 2023: कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से राज्य के मुख्य सचिव इकबाल सिंह को हटाने की मांग की है. सरकार की घोषणाओं पर भी रोक लगाने की मांग कांग्रेस ने की है.
MP Assembly Electon: मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों को लेकर सबके मन में एक ही सवाल है आखिर इन राज्यों में कब तक बनेगी सरकार? हालांकि, अभी तक निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया है लेकिन उसकी तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही है. माना जा रहा है कि पांच राज्यों में इलेक्शन नवम्बर-दिसम्बर में हो सकते हैं.
निर्वाचन कार्य से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मध्यप्रदेश में 6 जनवरी और छत्तीसगढ़ में 3 जनवरी के पहले नई सरकार के गठन की संवैधानिक बाध्यता है. इसी तरह राजस्थान में 14 जनवरी के पहले नई सरकार का गठन करना जरूरी है. इस वजह से अनुमान है कि निर्वाचन आयोग अक्टूबर माह के पहले या दूसरे हफ्ते में पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है.
निर्वाचन आयोग की तैयारियों को देखते हुए यह भी कयास लगाया जा रहा है कि मध्यप्रदेश,राजस्थान और छत्तीसगढ़ में नवम्बर माह के दूसरे या तीसरे हफ्ते में मतदान की तारीख तय हो सकती है.
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 6 जनवरी 2024 को खत्म होने वाला है. इसी तरह छत्तीसगढ़ में 3 जनवरी 2024, तेलंगाना में 16 जनवरी 2024, राजस्थान में 14 जनवरी 2024 और मिजोरम में 17 दिसम्बर 2023 तक नई सरकार का गठन करना संवैधानिक है.
बात पिछले के चुनाव की करें तो 6 अक्टूबर 2018 को निर्वाचन आयोग ने मध्यप्रदेश,राजस्थान,छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया था. आयोग ने छत्तीसगढ़ में दो चरणों में तो मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना में एक चरण में ही चुनाव मतदान करवाया था. छत्तीसगढ़ में पहले चरण में 18 विधानसभा सीटों पर 12 नवंबर और दूसरे चरण की 72 विधानसभा सीटों में 20 नवंबर को मतदान हुआ था.
इसी तरह मध्य प्रदेश और मिजोरम में एक ही चरण में 28 नवंबर को वोटिंग हुई थी. राजस्थान और तेलंगाना में सात दिसंबर को वोटिंग की गई थी. सभी पांच राज्यों की मतगणना एक साथ 11 दिसंबर 2018 को हुई थी और उसी दिन परिणाम घोषित कर दिए गए थे.
यहां बताते चलें कि भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तैयारियां शुरू करते हुए निर्वाचक नामावली के पुनरीक्षण का काम शुरू कर दिया है. इसके साथ ही चुनाव कार्य में प्रत्यक्ष रूप से भाग लेने वाले अधिकारियों की लिस्ट भी तैयार हो रही है. मध्यप्रदेश में मतदाता सूची के द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण का काम शुरू हो गया है.मतदाता सूची में नए नामों को जोड़ने के लिए काम भी शुरु हो गया है.
साथ ही दोहरी प्रवृष्टि वाले मतदाताओं साथ ही मृत और स्थानांतरित मतदाताओं के नाम को हटाने के लिए भी कार्य किया जा रहा है.इसके साथ ही मतदात सूची में संशोधन कराने के लिए भी कार्य किया जा रहा है. इन सभी कार्यों के लिए अधिकारियों को समय-सीमा भी दी गई है.
इसकी अंतिम तारीख 31 अगस्त निर्धारित की गई है. सभी मतदान केंद्रों पर प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन भी किया गया है. इससे आम नागरिक या मतदाता अपने मतदान केंद्र पर प्रारूप मतदाता सूची का अवलोकन कर सकेंगे एवं मतदान केंद्र पर ही मतदाता सूची में संशोधन के लिये फार्म-6, फार्म-7 या फार्म-8 में दावा-आपत्ति दे सकेंगे.
इसके साथ ही ऐसे युवा जो 1 अक्टूबर 2023 की तारीख पर 18 वर्ष की आयु पूरी कर रहे हैं, वे भी मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाने फार्म-6 में अग्रिम आवेदन दे सकेंगे.मतदाता सूची के द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत 31 अगस्त तक प्रत्येक कार्यदिवस पर बीएलओ अपने-अपने मतदान केंद्रों पर उपस्थित रहकर मतदाताओं से नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के लिए आवेदन लेंगे.
वहीं, राजनीतिक दल भी अगले विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस चुके है. मध्य प्रदेश में तो बीजेपी ने 39 उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर दी है. जल्द ही कांग्रेस की पहली और बीजेपी की दूसरी सूची आने की चर्चा राजनीतिक गलियारों में हो रही है. इसके साथ ही राजनीतिक दलों में शिकवा-शिकायत का दौर भी शुरू हो चुका है.
कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से राज्य के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को हटाने की मांग की है. बीजेपी की शिवराज सरकार द्वारा की जा रही घोषणाओं पर भी नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को चिट्ठी लेकर आपत्ति दर्ज की है.
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