मुंबई: कोरोना संकट के मद्देनजर मुहर्रम पर इस साल ताजिया के दौरान किसी भी तरह के जुलूस की अनुमति नहीं दी गई है. पूरे महाराष्ट्र में केवल एक ताजिया निकाला जाएगा और इस दौरान पांच से अधिक लोगों को शामिल होने की इजाजत नहीं है.
मुंबई जोन-1 के डीसीपी संग्राम सिंह निशानदार ने कहा, मुहर्रम 2020 के सिलसिले में बॉम्बे HC के एक जरूरी आदेश के मुताबिक पूरे महाराष्ट्र में केवल एक ताजिया ट्रक पर रखकर भेंडी बाजार जंक्शन से शिया कब्रिस्तान तक ले जाया जाएगा. ट्रक पर 5 लोग एक ताजिया लेकर और साथ में एक वीडियोग्राफर ही होगा.
उन्होंने कहा, ताजिया ले जाने वाले पांच लोगों के नाम, उम्र और पता 29 अगस्त को शाम 5 बजे तक कमिश्नर ऑफ पुलिस मुंबई को बताने हैं. ताजिया के दौरान किसी भी तरह का जुलूस नहीं होगा. ताजिया शाम 4:30 बजे से 5:30 बजे के बीच ही निकाला जा सकता है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने आदेश में क्या कहा था
बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस एस जे काठावाला और जस्टिस माधव जामदार ने स्थानीय शिया संगठन की याचिका पर सुनवाई के बाद ताजिया निकालने की इजाजत दे दी थी. याचिका में कोविड-19 महामारी के बीच सांकेतिक रूप से मुहर्रम का जुलूस निकालने की अनुमति मांगी गई थी. राज्य सरकार और याचिकाकर्ता ऑल इंडिया इदारा-ए-तहफ्फुज-ए-हुसैनियत ने आपसी सहमति कायम करके शुक्रवार को कोर्ट को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद कोर्ट ने जुलूस की इजाजत दी.
कोर्ट के आदेश के अनुसार शिया मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को 30 अगस्त शाम साढ़े चार बजे से साढ़े पांच बजे के बीच पहले से तय किसी एक मार्ग पर केवल ट्रक पर जुलूस निकालने की अनुमति होगी. पैदल जुलूस की इजाजत नहीं है.
आदेश में कहा गया है कि एक ट्रक में अधिकतम पांच लोगों के ही सवार होने की अनुमति होगी. वहीं 'ताजिया' के साथ भी केवल पांच लोगों की ही चयनित मार्ग पर आखिरी 100 मीटर पैदल चलने की इजाजत होगी. कोर्ट ने कहा कि जुलूस में हिस्सा लाने वाले पांच लोगों को अपने घर के पते और मुंबई पुलिस को देने होंगे.
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