Muharram 2022 Date and History: ईद के बाद मुहर्रम इस्लाम में दूसरा सबसे पवित्र त्योहार माना जाता है. वहीं इस साल इस्लामिक न्यू ईयर की शुरुआत 30 जुलाई से हो गई है. जिसके साथ मुहर्रम की भी शुरुआत हो गई. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक नए साल का पहला महीना मुहर्रम का होता है. ये महीना मुसलमानों के लिए शोक की अवधि है. इसे ‘गम का महीना’ के नाम से भी जाना जाता है. आइए जानते हैं इस बार कब मनाया जाएगा मुहर्रम और इसका इतिहास.....


क्या है मुहर्रम का इतिहास ?
दरअसल मुहर्रम इस्लामी चंद्र कैलेंडर में पहला महीना है और इसकी शुरुआत 30 जुलाई से हो चुकी है. वहीं इस महीने के 10वें दिन अशूरा होता है और इसी दिन पर मुहर्रम मनाया जाता है. इसलिए इस साल मुहर्रम 8 या 9 अगस्त को मनाया जाने वाला है. मुहर्रम का इतिहास 662 ईस्वी पूर्व का है, जब मुहर्रम के पहले दिन पैगंबर मुहम्मद और उनके साथियों को मक्का से मदीना जाने के लिए मजबूर किया गया था. वहीं मान्यताओं के अनुसार मुहर्रम के महीने में 10वें दिन ही इस्लाम की रक्षा के लिए हजरत इमाम हुसैन ने अपनी जान कुर्बान कर दी थी. इसलिए मुहर्रम महीने के 10वें दिन मुहर्रम मनाया जाता है.


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जानिए आशूरा का महत्व
मुहर्रम को अन्य इस्लामी रीति-रिवाजों से बहुत अलग माना जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि ये शोक का महीना है. इसलिए इस महीने में कोई भी उत्सव नहीं होता है. आशूरा के दिन दिन इमाम हुसैन की शहादत की याद में भारत समेत पूरी दुनिया में शिया मुसलमान काले कपड़े पहनकर जुलूस निकालते हैं और उनके पैगाम को लोगों तक पहुंचाते हैं. बताया जाता है कि हुसैन ने इस्लाम और मानवता के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी. इसलिए इस दिन को आशूरा यानी मातम का दिन माना जाता है. इस दिन उनकी कर्बानी को याद किया जाता है और ताजिया निकाला जाता है.


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