मुंबईः लोकल ट्रेन में सफर के दौरान खोया था इस शख्स का बटुआ, 14 साल बाद पुलिस ने लौटाया
हालांकि, इस साल अप्रैल में जीआरपी वाशी की ओर से जब हेमंत को एक फोन पर बटुआ मिलने की खबर पता चली, तो वह हैरान रह गए. हालांकि, इस दौरान कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के कारण वह इसे वापस लेने नहीं जा सके.
मुंबईः ट्रेनों और बसों में बटुआ खोने की घटनाएं बेहद आम हैं. आम तौर पर ऐसी घटनाओं में बटुआ कभी वापस नहीं मिलता, लेकिन मुंबई के एक शख्स की किस्मत कुछ अलग थी. इस शख्स को लोकल ट्रेन में सफर के दौरान खोया हुआ उसका बटुआ न सिर्फ वापस मिला, बल्कि उसमें मौजूद रकम भी मिल गई है. इस पूरी घटना की सबसे खास बात ये है कि इस शख्स का बटुआ 14 साल पहले 2006 में चोरी हुआ था.
CST-पनवेल रूट पर खोया था बटुआ
जीआरपी के मुताबिक, मुंबई के रहने वाले हेमंत पाडलकर का बटुआ 14 साल पहले 2006 में लोकल ट्रेन में सफर के दौरान खो गया था. उस दौरान वह सीएसटी-पनवेल लाइन पर लोकल ट्रेन में मौजूद थे.
हालांकि, इस साल अप्रैल में जीआरपी वाशी की ओर से जब हेमंत को एक फोन पर बटुआ मिलने की खबर पता चली, तो वह हैरान रह गए. हालांकि, इस दौरान कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के कारण वह इसे वापस लेने नहीं जा सके.
हाल ही में जब वह जीआरपी के दफ्तर अपना खोया हुआ बटुआ लेने पहुंचे, तो न सिर्फ उन्हें वह वापस लौटाया गया, बल्कि इसमें मौजूद रकम का कुछ हिस्सा भी उन्हें दिया गया.
बटुए में था पुराना 500 का नोट
हेमंत ने पीटीआई से बात करते हुए बताया कि उनके बटुए में उस वक्त 900 रुपये थे, जिसमें से एक 500 रुपये का नोट था, जो 2016 की नोटबंदी के बाद बंद हो गया था. ऐसे में जीआरपी ने उन्हें 300 रुपये लौटाए और 100 रुपये कागजी कार्रवाई के लिए काट लिए.
जीआरपी ने बताया कि उन्होंने कुछ वक्त पहले बटुआ चोरी के आरोप में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से हेमंत पाडलकर का बटुआ भी मिला. जीआरपी के मुताबिक, हेमंत के पुराने 500 के नोट को बैंक से बदलवाकर नया 500 का नोट लिया जाएगा और फिर इसे भी लौटा दिया जाएगा.
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