Jabalpur News: मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में नागपंचमी पर सांप दिखाने निकले सपेरे हवालात में पहुंच गए. जबलपुर में नाग पंचमी पर नागों को पिटारे में बंद कर घूमने वाले सपेरों की वन विभाग ने जमकर धरपकड़ की. इस दौरान 80 से अधिक सांपों को रेस्क्यू किया गया, जिसमें कई दुर्लभ प्रजाति के थे. एक दर्जन से ज्यादा सपेरे वन विभाग की गिरफ्त में आये.
वन्य जीव विशेषज्ञ रंजन सिंह के मुताबिक नाग पंचमी पर सांपों पर अत्याचार करने वाले सपेरों की धरपकड़ के लिए जिले में वन विभाग की पांच टीमें सक्रिय हैं. तीन प्रमुख टीम शहरी क्षेत्र में लगातार कार्यवाही कर रही थी.
सोमवार (21 अगस्त) को जबलपुर रेलवे स्टेशन ,बस स्टैंड,अधारताल, गोकलपुर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी टीमों ने सपेरों की धरपकड़ का अभियान चलाया. इस दौरान 80 से अधिक सांपों को रेस्क्यू किया गया.
वन विभाग ने मौके से जानकारी देते हुए बताया कि कार्रवाई के दौरान अनेक दुर्लभ नाग सपेरों के पास पाए गए. इसमें बड़ी संख्या में वह सर्प थे,जिनकी लंबाई 5 फुट से ज्यादा है. वहीं, सपेरों ने पकड़े जाने पर बताया कि यह उनका पुश्तैनी कार्य है और वह पीढ़ियों से इस कार्य को करते आ रहे हैं. सर्प को पकड़ने के बाद वह उसके विष दंत निकाल देते हैं,ताकि खतरा न हो.
यहां बताते चलें कि हिंदू धर्म में मान्यता है कि नागपंचमी पर्व पर नागों के दर्शन और पूजा करने से पुण्य मिलता है. यही वजह है कि सपेरे नाग पंचमी की मौके पर सांपों को पकड़कर घर-घर पूजा करने के लिए ले जाते हैं, जो कि नियमों के खिलाफ है. वन विभाग की टीम ने बताया कि सपेरे घने जंगलों से सांपों को पकड़ते हैं और उन्हें कई दिनों तक भूखा-प्यासा रखते हैं, ताकि नागपंचमी पर सांप दूध पी सके.
दरअसल,सांप संरक्षित वन्य जीव की श्रेणी में आता हैं. इनको मारना, पकड़ना, डिब्बा में बंद करना, विष की थैली निकालना, चोट पहुंचाना, और प्रदर्शनी लगाना अपराध है.
वन अधिनियम में सेक्शन 9/51 के अनुसार पहली बार सांप को पकड़ने पर तीन साल की सजा और 25 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है. दूसरी बार सांप के साथ पकड़े जाने पर सात साल की सजा और 25 हजार रुपए का जुर्माने का दंड हो सकता है.
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