Narak Chaturdashi 2021: दीपावली के एक दिन पहले और धनतेरस के एक दिन बाद पड़ने वाली नरक चतुर्दशी या छोटी दीवाली पर विशेष पूजा की जाती है. दिवाली के एक दिन पहले इस दिन भगवान यम के नाम का दीपक जलाकर उनसे प्रार्थना की जाती है साथ ही राक्षस नरकासुर के वध का जश्न मनाने के लिए भी दिये जलाए जाते हैं. आज नरक चतुर्दशी है और इस मौके पर आप भी विधिवत पूजा करें.
नरक चतुर्दशी क्यों मनाई जाती है इस बात को लेकर भी कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं. कारण कोई भी हो पर इस दिन की पूजा को बहुत महत्व की दृष्टि से देखा जाता है. इस दिन दीप-दान को भी अहम माना गया है. जानते हैं नरक चतुर्दशी के दिन दीप-दान करने का सही तरीका क्या है और ये क्यों जरूरी है.
ऐसे करें दीप-दान –
नरक चतुर्दशी के दिन की जाने वाली पूजा में दीप-दान का विशेष महत्व है. ऐसा मानते हैं कि दीप-दान से न केवल सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं बल्कि हर-बीमारी से लेकर सभी तरह की बाधाएं भी दूर हो जाती हैं. दीप-दान का सही तरीका ये है कि इसे मंदिर में, दुर्गम स्थान पर या नदी में किया जाता है.
इसके लिए मिट्टी के दिये में तेल और बाती डालकर जलाएं और उसे मंदिर में रखें या नदी में बहा दें. नदी में बहाने के लिए आटे के दीपक को भी बनाया जा सकता है. दीपक और बाती की संख्या मनोकामना पर आधारित होती है.
ऐसा करने से बचें –
दीप-दान के लिए मंदिर या किसी दुर्गम स्थान पर दीपक रखते समय उसे सीधा भूमि पर न रखें बल्कि पहले नीचे थोड़े से अक्षत या फूलों की पत्तियां डाल दें तब दीपक रखें.
इसके साथ ही नरक चतुर्दशी के दिन यम के नाम का दीपक जलाया जाता है. इस दीपक को पूजा के बाद घर से कहीं दूर रखें और केवल घर का बड़ा ही इस काम को करें. बाकी इसे न देखें.
नरक चतुर्दशी के दिन हनुमान जी की पूजा करने का भी विशेष महत्व है. इस दिन हनुमान जी की पूजा करें और उन्हें भोग लगाएं. उन पर नारियल चढ़ाना शुभ होता है.
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