मुंबईः कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर महाराष्ट्र में कई ‘दही-हांडी’ समूहों ने बुधवार को जन्माष्टमी का त्योहार सादगीपूर्वक ढंग से और बिना मानव श्रृंखला के मनाने का फैसला किया है. दही-हांडी उत्सव समन्वय समिति के प्रमुख बाला पडेलकर ने कहा कि दही-हांडी इस बार केवल प्रतीकात्मक रूप से फोड़ी जाएंगी. इस समिति के तहत राज्य में 950 से अधिक ‘मंडल’ (समूह) हैं.


सामान्य समय में इस पर्व पर ‘गोविंदाओं’ की मानव श्रृंखला बनाकर ऊंचाई पर एक रस्सी से बंधी दही-हांडी तक पहुंचा जाता है और उसे फोड़ा जाता है.


कोविड योद्धाओं की लड़ाई को देखते हुए फैसला


पडेलकर ने कहा कि समिति के सदस्यों ने फैसला किया है कि सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष मानव श्रृंखलाएं नहीं बनाई जायेगी. उन्होंने बताया कि दही-हांडी इस बार केवल प्रतीकात्मक रूप से फोड़ी जाएंगी.


उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा,‘‘इस वर्ष वैसा उत्साह नहीं होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम सभी ने सामान्य तरीके से त्योहार न मनाने पर सहमति व्यक्त की है. कोविड-19 योद्धाओं की इस महामारी के खिलाफ लड़ाई को ध्यान में रखते हुए हमने उनकी हर संभव सहायता करने का फैसला किया है. हम भारी भीड़ एकत्र करने से बचेंगे.’’


रक्तदान शिविर का होगा आयोजन


पडेलकर ने कहा कि मानव श्रृंखला के निर्माण के लिए गोविंदाओं के समूह एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं जायेंगे लेकिन अपने-अपने क्षेत्रों में पूजा अर्चना करेंगे. उन्होंने कहा कि समारोह में कुछ ही लोग हिस्सा लेंगे.


इतना ही नहीं, इस खास अवसर पर एक विशेष कार्य भी किया जाएगा. पडेलकर ने कहा कि मंडल रक्तदान शिविर भी आयोजित करेंगे.


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