Bastar News: छत्तीसगढ़ को उड़ीसा और आंध्र प्रदेश से जोड़ने वाली के.के रेल मार्ग में उड़ीसा के कोरापुट और जयपुर के बीच पटरी पर भूस्खलन हो गया, जिससे पिछले तीन दिनों से रुट से गुजरने वाली यात्री ट्रेनों और लौह अयस्क ट्रांसपोर्ट करने वाली मालगाड़ी का परिचान पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. दरअसल, 24 सितंबर की रात लगभग ढाई बजे कोरापुट और जयपुर के बीच घाटी में भूस्खलन के कारण मलबा गिरने से पटरी पूरी तरह धंस गई. जिससे इस रुट पर रेलवे परिचालन पूरी तरह से ठप्प हो गया है. 


भारी बारिश के कारण मलबा हटाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, इधर राहत कार्य के लिए मौके पर 27 जेसीबी मशीन और 400 से ज्यादा मजदूर लगे हुए हैं, इधर दर्जनभर से ज्यादा रेलवे स्टेशनों से ट्रेनों की आवाजाही बंद होने से सन्नाटा पसरा हुआ है, साथ ही जगदलपुर से विशाखापट्टनम इलाज के लिए जाने वाले यात्रियों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. के.के रेलमार्ग पर ट्रेनो का परिचालन बंद होने से फुटकर व्यापारियों की रोजी रोटी छिन गई है. बताया जा रहा है कि मलबा हटाने के लिए दो से तीन दिनों का समय लग सकता है, ऐसे में इस रूट पर रेल यातायात लगातार पूरी तरह से बाधित रहने की आशंका है. 


भारी बारिश से हुए भूस्खलन
दरअसल, छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर को उड़ीसा और विशाखापट्टनम से जोड़ने के लिए एकमात्र रेल के.के रेल लाइन है. इस रेल लाइन से हर रोज एनएमडीसी किरंदुल आयरन और प्लांट से विशाखापट्टनम तक करोड़ों रुपये का लौह अयस्क का परिवहन किया जाता है. इसके अलावा इस रुट से पांच यात्री ट्रेनों का परिचालन किया जाता है, लेकिन पिछले 24 सितंबर की आधी रात जयपुर और कोरापुट के बीच भूस्खलन से पटरी पर पूरी तरह से मलबा गिर गया. इस भूस्खलन की वजह लगातार बारिश बताई जा रही है. इसकी सूचना मिलते ही रेल प्रशासन के अधिकारी और कर्माचारी मौके पर पहुंच गये. मौके पर 400 से ज्यादा मजदूर और 27 जेसीबी मशीनों की मदद से लगातार मलबे को हटाने की कोशिश की जा रही है. 


भारी बारिश मलबा हटाने में बन रही रुकावट
रेल अधिकारियों ने भी घटनास्थल का दौरा कर मलबा हटाने के कार्य की समीक्षा की. रेल अधिकारियों ने बताया कि बारिश की वजह से मलबा हटाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, इस वजह से काफी समय लग रहा है. रेलवे ट्रैक से पूरी तरह से मलबा हटाने में 2 से 3 दिनों का अतिरिक्त समय और लग सकता है. ऐसे में इस रूट पर यात्री ट्रेन और मालगाड़ियों का परिवहन बाधित रहेगा. उन्होंने बताया कि 25 सितंबर से लौह अयस्क का परिवहन कार्य ठप्प पड़ा है, जिसके चलते रेलवे को हर रोज 7 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है.


ट्रेन परिचालन बंद होने से रेलवे को 35 करोड़ का घाटा
दूसरी तरफ ये भी बताया जा रहा है कि 25 से 29 सितंबर तक यातायात बाधित रहेगा, इसलिए रेलवे को कम से कम 35 करोड़ रुपए का घाटा होने का अनुमान है. इस रुट पर अगर शुक्रवार को भी रेल परिवहन सुचारु रुप से शुरू नहीं हुआ, तो ये घाटा और बढ़ सकता है. के.के मार्ग पर ट्रेनों का परिचालन बंद होने से जगदलपुर रेलवे स्टेशन से हर रोज विभिन्न प्रकार की खाद्य सामग्री को इधर से उधर भेजने में दिक्कत हो रही है. जबकि रेलवे स्टेशन के आसपास मौजूद होटलों और दैनिका जरुरतों का कारोबार करने वाले छोटे कारोबारियों का काम भी ठप्प पड़ा है. 


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