चंडीगढ़/नई दिल्लीः बीजेपी ने रविवार को हरियाणा सरकार के पूर्व मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ (ओपी धनखड़) को पार्टी की प्रदेश इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया. वह सुभाष बराला की जगह लेंगे. बराला का कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका था. राज्य विधानसभा चुनाव के बाद से ही पार्टी उनके विकल्प की तलाश कर रही थी. धनखड़ इससे पहले खट्टर सरकार के पहले कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री थे.
जातिगत समीकरणों को संतुलित रखने के लिए नियुक्ति!
बीजेपी महासचिव अरूण सिंह की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया, ‘‘बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पूर्व मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ को हरियाणा प्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष नियुक्त किया है. यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी.’’ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के स्थान पर उनकी नियुक्ति हुई है.
जाट समुदाय से आने वाले धनखड़ को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने को राज्य में जातिगत समीकरणों को संतुलित करने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है, जहां राजनीति जाटों और गैर-जाटों के इर्द-गिर्द घूमती है. राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर गैर जाट समुदाय से आते हैं. हालांकि, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बराला भी जाट समुदाय से ही थे.
साल 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी को पहली बार अपने दम पर बहुमत मिला. पांच साल बाद पार्टी फिर सत्ता में तो लौटी लेकिन इस बार वह बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई. जननायक जनता पार्टी के समर्थन से खट्टर एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बने.
58 साल के धनखड़ को 2014 में खट्टर सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. बराला भी चुनाव हार गए थे.
धनकड़ ने जताया पार्टी का आभार
प्रदेश अध्यक्ष के पद पर अपनी नियुक्ति की घोषणा के बाद धनखड़ ने पार्टी आलाकमान का धन्यवाद किया और कहा कि राज्य में पार्टी को और मजबूत बनाने के लिए वे कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने पीटीआई-भाषा से फोन पर कहा, ‘‘मुझ पर भरोसा जताने के लिए मैं पार्टी आलाकमान का धन्यवाद करता हूं.’’
मुख्यमंत्री खट्टर ने भी उन्हें बधाई दी और धनखड़ को पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता बताया. खट्टर ने ट्वीट कर विश्वास जताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं को धनखड़ के लंबे राजनीतिक अनुभवों का लाभ मिलेगा और उनकी नियुक्ति से प्रदेश संगठन को और मजबूती मिलेगी.
कैप्टन अभिमन्यू और कृष्ण पाल के नाम पर भी थी चर्चा
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लंबी चर्चा और शीर्ष स्तर पर विचार विमर्श के बाद इस पद पर धनखड़ की नियुक्ति को हरी झंडी दी गई है. अन्य किसी नाम पर सहमति नहीं बन सकी. उनके अलावा राज्य के पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यू भी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में थे. हालांकि, केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर का नाम भी इस पद के लिए चर्चा में था.
सूत्रों के मुताबिक नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के सिलसिले में खट्टर ने हाल ही में नड्डा से मुलाकात की थी. बीजेपी किसान मोर्चा के दो बार राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे धनखड़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के राष्ट्रीय समन्वयक भी रहे हैं.
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में धनखड़ ने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ रोहतक से चुनाव लड़ा था. हालांकि, वह हार गए थे.
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