Padma Award Winner: महाराष्ट्र सहित पूरे देश भर में "फैमिली डॉक्टर" के नाम से विख्यात आयुर्वेदाचार्य डॉ बालाजी तांबे को इस साल केंद्र सरकार द्वारा मरणोपरांत पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. सरकार की तरफ से आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर बालाजी तांबे को पद्मश्री पुरस्कार (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया है. बीते साल 81 वर्ष के आयु में बालाजी तांबे का लंबी बीमारी के बाद पुणे के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. तांबे के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे, बहुएं और चार पोतियां हैं.
आत्मसंतुलना गांव के बारे में
भारत के अलावा विदेश में भी डॉक्टर तांबे ने आयुर्वेद को नई ख्याति प्रदान की थी. आधमिक्ता, योग और आयुर्वेद को लेकर उन्होंने कई सारी पुस्तकें भी लिखी थीं. आयुर्वेदिक पद्धति के जरिए लोगों के उपचार करने के लिए आयुर्वेदाचार्य ने महाराष्ट्र के लोनावला में "आत्मसंतुलना गांव" नाम के एक चिकित्सा केंद्र की शुरुआत की थी. देश और विदेश के अलग-अलग हिस्सों से आए हुए लोगों का केंद्र में आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार किया जाता था.
तांबे का महत्व
अभिनेता, नेता, संगीत, साहित्य और कला क्षेत्र से जुड़े अनेक लोग डॉक्टर तांबे से मार्गदर्शन लेते रहे हैं. डॉक्टर तांबे द्वारा निर्मित उच्च गुणवत्ता वाली दवा ने पूरे देश और विदेशों में आयुर्वेद को फैलाने में मदद है. आयुर्वेद के क्षेत्र में आयुर्वेदाचार्य डॉ. बालाजी तांबे का महत्व आप इसी बात से समझिए कि इन्होंने अपनी जिंदगी के पांच दशक से ज्यादा का समय आयुर्वेद के प्रति समर्पित किया. उनके इस बहुमुल्क काम के लिए मरणोपरांत पद्म पुरस्कार देने की घोषणा हुई है.
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