पटना: कोरोना को लेकर बिहार के अस्पतालों की स्थित पर उठ रहे सवालों के बीच आज पहली बार बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे पटना के कोविड अस्पताल का जायज़ा लिया. शिकायत मिली थी कि अस्पताल के अंदर वार्ड में जाने से डॉक्टर भी घबराते हैं. ऐसे में मंगल पांडे ने भी अंदर जाने से पहले प्रोटोकॉल का पालन किया और पीपीई किट पहनकर अंदर पहुंच गए.
अस्पताल की स्थिति अपनी आंखों से देखने के बाद मंगल पांडे ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि आने वाले दिनों में वह किसी न किसी अस्पताल में जाते रहेंगे. मंगल पांडे ने कहा कि अस्पताल में आज उनकी पचास मरीज़ों से मुलाकात हुई. सभी ने अस्पताल के अंदर की व्यवस्था को सही बताया जबकि चार लोगों ने कुछ शिकायत की.
मरीज़ की शिकायत थी कि उनका सैंपल का रिपोर्ट सही समय पर नहीं आता है. डॉक्टर का वार्ड में चक्कर नहीं लगता है. मंत्री ने कहा कि मरीज़ों से मिलने से अस्पताल के अंदर के माहौल का अनुभव होता है. अस्पताल में कुछ व्यवहारिक कठिनाइयों की भी जानकारी मिली. इस आधार पर कुछ फैसले लिए गए हैं.
मंगल पांडे ने कहा कि कोविड अस्पताल के बाहर कैंपस में एक बड़ा सा हेल्प डेस्क बनाया जाएगा. जो लोग दूर दराज इलाके से आते हैं उन्हें वहां बैठने और ज़रूरी जानकारी दी जाएगी. यह दो से तीन दिन में बन जाएगा.
वहीं डॉक्टरों के लिए अलग से 15 बेड सुरक्षित रखे जांएगे. ऑक्सीजन गैस की कमी को लेकर उठ रहे सवाल पर मंगल पांडे ने कहा कि एनएमसीएच में 166 बेड पर गैस पाइप लाइन के ज़रिए ऑक्सीजन मिल रहा है जबकि अस्पताल में 650 ऑक्सीजन सिलिंडर का स्टॉक है. एनएमसीएच में कुल 447 बेड है.जब अस्पताल से बाहर निकलने लगे तो सफाई कर्मचारियों ने मंत्री मंगल पांडे की गाड़ी के सामने खड़े हो गए और अपनी मांग को रखा. मंगल पांडे ने आश्वासन दिया और फिर वहां से निकल गए.