पीलीभीत। उत्तर प्रदेश अपने कामों के लिए कम और कारनामों के लिए ज्यादा जानी जा रही है. चाहे फिर विकास दुबे कांड में गैंगस्टर से मिलीभगत का खुलासा हो या फिर हाथरस का मामला. सुर्खियों में बने रहना यूपी पुलिस की आदत हो गई है. अब यूपी की पुलिस वाहवाही लूटन के लिए फर्जी गैंगस्टर तैयार कर रही है.


ताजा मामला पीलीभीत का है. यहां पुलिस पर फर्जी तरीके से लोगों को गैंगस्टर घोषित करने के आरोप हैं. आरोपों के मुताबिक जिन लोगों को गैंगस्टर बताया गया है, उनकी उम्र 70 पार कर चुकी है. लेकिन पुलिस ने इन्हें 30 की उम्र का बताकर गैंगस्टर भी बना दिया है.


यही नहीं आरोप है कि पुलिस ने फर्जी उम्र तो बताई ही साथ ही डीएम से भी परमिशन लेकर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. इस दौरान डीएम को भी गुमराह किया गया है. फर्जी आंकड़ों के आधार पर यूपी पुलिस इन दिनों गैंगस्टर तैयार कर रही है.


ये है मामला
दरअसल, मामला शहर कोतवाली से जुड़ा है. यहां जमीन विवाद में पुलिस ने 17 नामजद लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी. इस दौरान पुलिस ने 3 बुजुर्गों की उम्र 30 के आसपास दर्शाई है. इसी वजह से पुलिस की कार्रवाई कर सवाल उठ रहे हैं.


त्रुटि बता रहे पुलिस अफसर
दरअसल, पुलिस अधीक्षक जय प्रकाश यादव ने बताया भू-माफियाओं द्वारा धोखाधड़ी करके पोस्ट ऑफिस की जमीन का बैनामा करवा लिया गया. रातों- रात जमीन को जमीदोज़ करके मलबा गायब कर दिया गया. पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की. लेकिन इस दौरान आरोप पत्र में उम्र लिखने में कुछ त्रुटी हो गई. जिसे सुधार कर लिया गया है.


गैंगस्टर एक्ट का आरोपी बुजुर्ग
वहीं, इस मामले में माधौटांडा निवासी नीलेश चन्द्र ने बताया कि उनकी उम्र 65 वर्ष है जबकि आरोप पत्र में 32 वर्ष दिखाई गई है. सात ही पुलिस ने भूमाफिया और गैंगस्टर एक्ट का आरोपी बनाया है. आरोप है कि उन्हें झूठे तरीके से फंसाया गया है. नीलेश चंद्र बताते हैं कि वह पुलिस की कार्रवाई से परेशान हैं. घर में कभी किसी पर केस दर्ज नहीं हुआ है लेकिन अगर पुलिस ने ज्यादा परेशान किया तो वे आत्महत्या कर लेंगे.

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