MP News: मध्य प्रदेश में तीन चीता शावकों की मौत को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. केंद्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में बताया कि मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 23 मई को चीते के दो महीने के 3 शावकों की मौत हीट स्ट्रोक के कारण हुई थी. उन्होंने बाकी 5 चीतों की मौत की वजह भी बताई. 


दरअसल, कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने राज्यसभा में मध्यप्रदेश के कुनों नेशनल पार्क में चीतों की मौत पर सवाल पूछा था. केंद्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में बताया कि कूनो पार्क में 23 मई को चीते के दो महीने के 3 शावकों की मृत्यु हीट स्ट्रोक के कारण हो गई थी.


उन्होंने बताया कि जैसा कि राज्य सरकार ने जानकारी दी है. उसके अनुसार शावकों की मृत्यु के अलावा साशा की गुर्दा की निष्क्रियता, उदय की कार्डियो पल्मोनरी की विफलता, दक्ष, तेजस और सूरज नाम के चीतो की मृत्यु ट्रामेटिक शॉक के चलते हुई है. 


चौबे ने कहा- वैज्ञानिक कार्य योजना तैयार की गई है


चौबे ने यह यह जानकारी भी दी कि चीतों के संरक्षण हेतु भारत में चीतों को लाने के लिए एक वैज्ञानिक कार्य योजना तैयार की गई है. इसके अनुसार मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान, नौरादेही वन्य जीव अभ्यारण एवं गांधी सागर वन्य जीव अभ्यारण और राजस्थान में शाहगढ़बूलो, भैसरोड़गढ़ वन्यजीव अभ्यारण एवं मुकुन्दरा हिल्स बाघ रिजर्व में चीतों को लाने के लिए संभावित स्थान है. इन स्थानों में चीतों को बसाना अफ्रीकी देशों से चीतों की निरंतर उपलब्धता पर निर्भर करता है. 


वहीं, जूतों की मौत से चिंतित वन विभाग ने अब उनकी देखरेख के लिए नए सिरे से कब आए शुरू की है. फिलहाल चीजों को बड़े बाड़े में शिफ्ट करके उनके स्वास्थ्य की जांच की जा रही है. डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (डीएफओ) प्रकाश वर्मा ने रविवार (23 जुलाई) को बताया कि कुनों नेशनल पार्क में अब तक 11 चीते बड़े बाड़े में लाए जा चुके हैं.


नामीबिया-दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञ और वन विभाग की टीम इनका मेडिकल चेकअप कर रही है. 6 चीतों की रेडियो कॉलर आईडी भी हटा दी गई है. कूनो नेशनल पार्क के बड़े बाड़े में 6 नर और 5 मादा सहित कुल 11 चीते हैं. बाकी 4 चीते खुले जंगल में हैं. एक शावक को अलग रखा गया है. इनका भी एक-एक कर स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा.


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