कृषि विधेयकों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के दौरान किसान ने की खुदकुशी, परिजनों को दिया 3 लाख का मुआवजा
कृषि विधेयकों के विरोध में 25 सितंबर को होने वाले पंजाब बंद के लिए 31 किसान संगठन एक साथ आने के लिए तैयार हुए हैं. इस संबंध में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने शनिवार को मोगा में एक बैठक की.
चंडीगढ़: पंजाब के मुक्तसर जिले में कृषि संबंधी नए विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान 70 साल के एक किसान की किसी जहरीले पदार्थ खाने के बाद मौत हो गयी. मनसा जिले के अक्कनवाली गांव निवासी प्रीतम सिंह ने शुक्रवार सुबह कोई जहरीला पदार्थ खा लिया था. अस्पताल में इलाज के दौरान अगले दिन उनकी मृत्यु हो गयी.
प्रीतम सिंह भारतीय किसान यूनियन द्वारा 15 सितंबर से बादल गांव में आयोजित प्रदर्शन में भाग ले रहे थे. यह पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का पैतृक गांव है. पुलिस ने कहा कि अभी पता नहीं चला है कि किसान के यह कदम क्यों उठाया. किसान संगठन का कहना है कि प्रीतम सिंह पर कर्ज था.
भारतीय किसान यूनियन के महासचिव सुखदेव सिंह ने मांग की थी कि मृतक के परिवार को प्रशासन की ओर से मुआवजा दिया जाना चाहिए. इस बीच, मुक्तसर जिला प्रशासन ने मृतक किसान के परिजन को तीन लाख रुपये का मुआवजा दिया.
25 सितंबर को होने वाले पंजाब बंद के लिए 31 किसान संगठन एकजुट हुए कृषि विधेयकों के विरोध में 25 सितंबर को होने वाले पंजाब बंद के लिए 31 किसान संगठन एक साथ आने के लिए तैयार हुए हैं. इस संबंध में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने शनिवार को मोगा में एक बैठक की. किसान मजदूर संघर्ष समिति ने पहले ही 24 से 26 सितंबर के बीच रेल रोको आंदोलन का आह्वान किया हुआ है.
क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि पंजाब बंद को समर्थन देने वालों में मुख्य तौर पर भारती किसान यूनियन (क्रांतिकारी), कीर्ति किसान यूनियन, भारती किसान यूनियन (एकता उगराहां), भाकियू (दोआबा), भाकियू (लाखोवाल) और भाकियू (कादियां) आदि संगठन शामिल हैं.
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