चंडीगढ़ः पंजाब में जहरीली शराब का शिकार होने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. प्रदेश में इस घटना में अबतक 86 लोगों की जान जा चुकी है. इनमें से 48 लोगों की मौत सिर्फ शनिवार को ही हो गई. पंजाब सरकार ने आबकारी विभाग के अधिकारी और कुछ पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. वहीं प्रदेश के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने कांग्रेस सरकार पर अवैध शराब बेचने वालों को शरण देने का आरोप लगाया.
कई अधिकारी निलंबित, अबतक 25 गिरफ्तार
पंजाब के तरन तारन, अमृतसर और गुरदासपुर जिलों में जहरीली शराब पीने के कारण मौत के ये मामले आए सामने आए हैं. अकेले शनिवार को ही 48 लोगों की जान इस हादसे के कारण चली गई. पंजाब सरकार ने इस घटना के मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हुए हैं.
वहीं, प्रशासनिक स्तर पर लापरवाही का आरोप लगने पर सरकार ने आबकारी विभाग के 7 अधिकारी और 6 पुलिसकर्मियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कर रहे हैं.
इस घटना के बाद से ही पंजाब पुलिस ने अभियान चलाते हुए कई जगहों पर छापेमारी की है. पुलिस के मुताबिक इस घटना के सिलसिले में अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
'कांग्रेस के मंत्री-विधायक अवैध शराब व्यापार में शामिल'-सुखबीर बादल
उधर, इस मामले में राजनीतिक आरोप भी जारी हैं. सुखबीर सिंह बादल ने आरोप लगाया है कि मौजूदा घटना पंजाब सरकार की लापरवाही और संरक्षण के कारण हुई है. बादल ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के मंत्रियों और विधायकों से लेकर पार्टी के नेता भी अवैध शराब व्यापार में शामिल हैं और उनको संरक्षण देने के कारण ही ये घटना हुई है.
बादल ने साथ ही इसे हत्या बताते हुए कहा कि इस मामले में दोषियों की गिरफ्तारी होनी चाहिए, फिर चाहे वो सत्ताधारी दल के विधायक या मंत्री ही क्यों न हों. उन्होंने सरकार की ओर से घोषित मजिस्ट्रेट जांच के बजाए हाई कोर्ट के जज के नेतृत्व में स्वतंत्र जांच की मांग भी की.
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