Republic Day 2023: हर साल की तरह इस बार भी गणतंत्र दिवस के अवसर पर गुरुवार को देश के 56 बच्चों को वीरबाल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. 56 युवाओं में से तीन किशोर पंजाब के रहने वाले हैं. तीनों को आज वीरबाल अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा. तीन युवाओं में एक अमृतसर निवासी 12 साल के किशोर अजान कपूर का नाम भी शामिल है. बता दें कि अजान की बहादुरी व सूझबूझ से अमरनाथ हादसे के दौरान 100 से अधिक लोगों की जान बची थी. 


आज उसी अजान की बहादुरी को पूरा देश सलाम करेगा और हमेशा याद रखेगा. इतना ही नहीं, अजान आगे भी सभी के लिए वीरता और समझदारी के मामले में प्रेरणास्रोत बने रहेंगे. उनकी इस समझ और साहस से अन्य बच्चों के मन में भी दूसरों के लिए कुछ जज्बा  पैदा होगा.


परिवार में अजान दूसरा शख्स जिसे मिलेगा राष्ट्रीय पुरस्कार


वीरबाल पुरस्कार देने की घोषणा के बाद अजान के पिता सुनील कपूर का इस घटना को लेकर कहना है कि अजान को पंजाब गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित ने चंडीगढ़ में पंजाब भवन में बुलाया है. अजान शहीद परिवार से ताल्लुक रखता है. वह 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग कांड के दौरान शहीद हुए लाला वासु मल का पड़पोता है. कपूर परिवार में अजान दूसरा शख्स है, जिसे राष्ट्रीय स्तरीय सम्मान से नवाजा जा रहा है. अजान को वीरबाल सम्मान मिलने की घोषणा के बाद से कपूर परिवार में खुशियों का माहौल है. 


खतरे को भांपते ही लोगों को किया आगाह 


दरअसल, सुनील कपूर का बेटा अजान ने साल 2022 में अमरनाथ यात्रा के दौरान लोगों को भूस्खलन की चपेट में आने से बचा लिया था. यह घटना 31 जुलाई 2022 की रात घटी थी. भूस्खलन के समय सभी श्रद्धालु अमरनाथ गुफा से लौटते समय लंगर खा रहे थे. बालटाल इलाके में पिछले चार दिनों से बारिश हो रही थी. घटना की रात अजान बालटाल में कैंप में रुका हुआ था. रात 8 बजे अजान लंगर में सेवा करने चला गया. लगभग एक घंटा सेवा करने के बाद वह पेशाब करने के लिए लंगर वाले घर के पिछली की तरफ गया. उसने नाले में पानी के तेज बहाव को देखा. पास की चोटियों से पत्थरों के लुढ़कने की आवाज सुनी. पत्थरों को आते हुए देख अजान सीधा ही कैंप की तरफ भागा. कैंप व लंगर में लोगों को पानी के बहाव व पत्थरों के बारे में सतर्क किया. अजान की सूचना पर लंगर में शामिल सभी लोग सुरक्षित स्थानों की तरफ चले गए.  


अजान की सूझबूझ और साहस से बची 100 की जान 


अगर 5 मिनट भी इस घटना की सूचना में लंगर में शामिल या वहां मौजूद लोगों को नहीं मिलती तो 100 कीमती जिंदगियां अपनी जान उसी समय गंवा बैठती, लेकिन वैसा नहीं हुआ, अजान की सूचना पर लोग सतर्क हो गए और लंगर वाले स्थान से हट गए. इस घटना की सूचना मिलने के बाद सुबह तीन बजे के करीब सुरक्षा बलों ने सभी को सुरक्षित जगहों तक पहुंचा दिया. 


दरबारी लाल ने की थी केंद्र से सिफारिश


किशोर अजान की इस सूझबूझ और वीरता के बारे में जब पूर्व डिप्टी स्पीकर दरबारी लाल को पता चला तो वह काफी हैरान हुए थे. उन्होंने बिना समय गंवाए इसकी जानकारी डीसी अमृतसर को दे दी. उन्होंने इसके लिए डीसी अमृतसर को खत भी लिखा था. इतना ही नहीं, उन्होंने अजान के नाम को केंद्र को भेज दिया. कुछ प्रयासों के बाद अजान का नाम उन 56 युवा बच्चों में आया, जिन्हें इस साल वीरबाल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.


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