Punjab News: पंजाब में किसानों की आत्महत्या का सिलसिला थम नहीं रहा है. अब किसानों की आत्महत्या को लेकर जो आंकड़ा सामने आया है वो चौंका देने वाला है. 1 मार्च 2012 से लेकर 28 फरवरी 2023 तक 1403 किसानों ने आत्महत्या की है. जबकि 403 खेत मजदूरों के खुदकुशी का मामला भी प्रकाश में आया है. सबसे ज्यादा मौतें मानसा जिले में हुई हैं. यहां 314 किसानों ने कर्ज की वजह से मौत को गले लगाया है. दूसरे नंबर पर बठिंडा जिला है, जहां के 269 किसानों में आत्महत्या की है.
किसानों की आत्महत्या पर घिरी थी सरकार
साल 2022 की अगर बात करें तो किसानों की आत्महत्या के मामले को लेकर पंजाब सरकार घिरी नजर आई थी. जब 25 दिनों में करीब 14 किसानों ने आत्महत्या कर ली थी. प्रदेश में इसको लेकर खूब राजनीति भी हुई थी. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने आप सरकार को घेरते हुए कहा था कि 25 दिनों में 14 किसानों की आत्महत्या, क्या आप अन्नदाता को आम आदमी पार्टी को वोट देने की सजा दे रहे हैं? पंजाब के सबसे बड़े कृषि संघ भारतीय किसान यूनियन उग्राहां ने भी दावा किया था कि अप्रैल में करीब 14 किसानों ने आत्महत्या की है. जिसमें से 11 किसान मालवा क्षेत्र के थे.
अन्य राज्यों के क्या है हालात?
पंजाब के बाद अगर बात करें पड़ोसी राज्य हरियाणा की तो यहां पांच सालों में करीब 23 किसानों ने मौत को गले लगाया. वहीं उत्तर प्रदेश में बीते पांच सालों में 398 किसानों ने आत्महत्या की. राजस्थान में बीते पांच सालों में 7 किसानों ने आत्महत्या की. तो वहीं महाराष्ट्र में बीते पांच सालों में 12,552 किसानों ने आत्महत्या की. कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा किए गए विभिन्न शोध के माध्यम से जानकारी मिली है कि पंजाब में किसानों की आत्महत्या के पीछे भारी कर्ज एक बड़ा कारण था. किसान कर्ज के जाल में फंसते चले जा रहे थे. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने संसद में यह जानकारी पिछले माह एक सवाल के जवाब में दी थी.
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