Haryana: गुरूग्राम में लोन दिलाने के नाम पर कपड़ा व्यवसायी से ठगी, ठगों ने 2.45 करोड़ का ऐसे लगा दिया चूना
Gurugram News: गुरुग्राम के ओरिएंट क्राफ्ट लिमिटेड के मालिक सुधीर ढींगरा से ठगों ने लोन दिलाने के नाम पर 2.45 करोड़ रुपए ठग लिए. सुधीर ढींगरा को 100 करोड़ रुपये का ऋण देने की पेशकश की गई थी.
Haryana News: हरियाणा के गुरुग्राम की एक कपड़ा कंपनी को बचाने के नाम पर उसके मालिक को कुछ ठगों ने 100 करोड़ रुपये का ऋण दिलाने का वादा कर उससे कथित रूप से 2.45 करोड़ रुपये ठग लिए. पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि गुरुग्राम में चार दशक से भी अधिक पुरानी कपड़ा कंपनी ओरिएंट क्राफ्ट लिमिटेड के मालिक सुधीर ढींगरा इस ठगी के शिकार हुए हैं.
ओरिएंट क्राफ्ट लिमिटेड मालिक हुए ठगी का शिकार
ओरिएंट क्राफ्ट लिमिटेड के मालिक सुधीर ढींगरा ने अपनी शिकायत में कहा कि वह अपने धंधे में वित्तीय संकट से जूझ रहे थे और ब्याज पर पैसे उधार लेने के लिए फाइनेंसर तलाश रहे थे. पुलिस के अनुसार 25 मई को दिल्ली के तरुण नामक एक व्यक्ति ने उन्हें कॉल किया और बताया कि वह हरियाणा में फाइनेंसर के रूप में काम करने वाले विक्रम का परिचित है. पुलिस के मुताबिक जब ढींगरा ने विक्रम को कॉल किया तब उसने उनसे कहा कि वह नितिन गर्ग नामक एक ऐसे व्यक्ति को जानता है जिसकी हैदराबाद में कुछ फाइनेंसर से अच्छी जान पहचान है और वह उन्हें ब्याज पर पैसा उधार दिलवा सकता है.
100 करोड़ रुपए का ऋण दिलवाने की हुई थी पेशकश
पुलिस के अनुसार ढींगरा ने अपनी शिकायत में कहा, ‘‘ 27 मई को नितिन गर्ग, तरूण मनचंदा और विक्रम मेरे कार्यालय आए तथा उन्होंने छह प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज की दर पर 100 करोड़ रुपये का ऋण देने की पेशकश की. अगले दिन मैंने सभी जरूरी दस्तावेज एवं विवरण नितिन गर्ग को दे दिए. उसके बाद नितिन ने मुझे फाइनेंसर के साथ बैठक के लिए हैदराबाद चलने को कहा. ढींगरा ने बताया कि 31 मई को वह हैदराबाद गए जहां विक्रम और नितिन ने उनका परिचय श्रीनिवास कंडेला से कराया और उसे एक फाइनेंसर का प्रतिनिधि बताया गया. उस बैठक में तय हुआ कि ढींगरा को दो ऋण मिलेंगे, ऋण समझौता होने के एक दिन के अंदर ढाई करोड़ रुपये का ऋण तथा पहला ऋण चुकाये जाने के बाद दूसरा 40 करोड़ रुपये का ऋण. पहला ऋण नौ जून तक चुकाया जाना था और उसपर छह प्रतिशत ब्याज दर थी. ढींगरा के अनुसार उन्हें 40 करोड़ रुपये का ऋण पांच-सात साल के लिए दिया गया और उस पर ब्याज छह प्रतिशत की दर से तिमाही के हिसाब से चुकाना था.
फिर खाते में नहीं आया पैसा
पुलिस ने कहा कि समझौते के अनुसार पहले ऋण के भुगतान के समय ढींगरा को अग्रिम ब्याज के रूप में ढाई करोड़ रुपये देना था जो दूसरे ऋण पर देय ब्याज में समायोजित होने की बात कही गई. ढींगरा ने कहा, ‘‘ मैं इस पेशकश पर राजी हो गया और तीन जून को श्रीनिवास कंडेला, विक्रम, नितिन और तरूण के साथ दिल्ली में मेरे कार्यालय आया और ऋण समझौते पर दस्तखत किए गए. छह जून को मेरे खाते में 2,25,00,023 रुपये आ गए. उन्होंने कहा, ‘‘15 जून को फिर मैं हैदराबाद गया जहां बैठक में पांच लोग थे. करार के मुताबिक मैंने उधारकर्ताओं के खातों में 4.7 करोड़ रुपये अंतरित किए. उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि 15 मिनट में मेरे खाते में 40 करोड़ रुपए अंतरित कर दिए जाएंगे. उन्होंने यह कहते हुए मुझे 15-20 मिनट इंतजार करने को कहा कि वे अभी आते हैं. लेकिन वे कभी नहीं आए और न ही मेरे खाते में कोई पैसा आया.
यह भी पढ़ें: Gurugram: फर्जी कागजात से NRI की 40 करोड़ की जमीन की कराई रजिस्ट्री, पुलिस ने SI समेत 5 आरोपियों को किया गिरफ्तार