Punjab News: जालंधर लोकसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत ने बाकी सभी पार्टियों के समीकरण बिगाड़ दिए हैं. आम आदमी पार्टी की जीत के बाद कई रोचक तथ्य भी सामने आए हैं. जैसे आप विधायक शीतल अंगुराल के वेस्ट हल्के से सुशील रिंकू को पहले से भी 3945 वोट कम मिले हैं. जालंधर सिटी के नार्थ विस हल्के में बीजेपी को आप से 1259 वोट ज्यादा मिले तो वहीं जालंधर सेंट्रल से बीजेपी को 543 वोट ज्यादा मिले हैं. यानि इन दोनों जगहों पर बीजेपी ने आप को मात दी है.
AAP की जीत की रोचक बातें
• जालंधर लोकसभा सीट पर पहली बार बिना किसी के समर्थन के कांग्रेस को हराने वाली पार्टी बनी है आप. इससे पहले जनता दल ने अकाली दल के समर्थन से कांग्रेस को हराया था.
• कांग्रेस सांसद संतोख चौधरी भी विधायक का चुनाव हारने के बाद सांसद बने. अब सुशील रिंकू भी विधायकी का चुनाव हारने के बाद सांसद बने.
• कांग्रेस पार्टी को छोड़कर जालंधर से सांसद बनने वाले पहले नेता है सुशील रिंकू. वैस्ट विधानसभा हल्के से कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं ने दल बदले लेकिन जीत नहीं पाए.
अकाली-बसपा गठबंधन भी हो गया फेल
जालंधर लोकसभा के चार विधानसभा हल्कों में शिरोमणि अकाली दल को सिर्फ 37920 वोट ही मिल पाए है. शिरोमणि अकाली दल बसपा के सहारे रहा लेकिन बसपा भी कोई कमाल नहीं दिखा पाई. बाहरी जिले से लाए गए उम्मीदवार का हर्जाना भी अकाली-बसपा गठबंधन को भुगतना पड़ा. जालंधर में कई बड़े पुराने नेता होने के बावजूद कैंडिडेट बनाने पर विवाद था. इस वजह से कई नेता तो रूठकर दूसरी पार्टियों में भी चले गए. दलित वोटरों के गढ़ में बीएसपी से गठजोड़ के बाद अकाली दल तीसरे नंबर पर चला गया. इस बार बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल ने अलग-अलग चुनाव लड़ा, जिसका फायदा बीजेपी को मिला.