Mohali News: 7 साल की सानवी ने एवरेस्ट बेस कैंप पर लहराया तिरंगा, रचा इतिहास, 9 दिनों में तय किया 65 किमी ट्रैक
Punjab News: सानवी सूद ने बताया कि "यह कठिन था लेकिन मैं शिखर पर पहुंचने के लिए दृढ़ थी. किसी दिन, मैं एवरेस्ट फतह करूंगी."
Everest Base Camp Trek: पंजाब के रोपड़ की सात साल की बच्ची ने माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पर पहुंचकर इतिहास रच दिया है. सानवी सूद नाम की बच्ची अब 5,364 मीटर की ऊंचाई पर माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पर भारतीय तिरंगा फहराने वाली भारत की सबसे कम उम्र की लड़की बन गई हैं. मोहाली में यादवेंद्र पब्लिक स्कूल में दूसरी कक्षा की छात्रा, सानवी ने 9 जून को अपने पिता दीपक सूद के साथ शिखर पर चढ़कर यह उपलब्धि हासिल की है.
मैं एवरेस्ट फतह करूंगी- सानवी
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को सानवी सूद ने बताया कि "यह कठिन था लेकिन मैं शिखर पर पहुंचने के लिए दृढ़ थी. किसी दिन, मैं एवरेस्ट फतह करूंगी." सानवी के पिता के मुताबिक, सानवी को 'एवरेस्ट' फिल्म देखने के बाद एवरेस्ट के बेस कैंप पर चढ़ने की प्रेरणा मिली. उबड़-खाबड़ और ठंडे इलाकों से गुजरते हुए, सानवी ने 9 दिनों में लगभग 65 किमी के ट्रैक के जरिए अपना रास्ता बना लिया. हालांकि, सानवी केवल सात साल की है, इसलिए उसे बेस कैंप से आगे जाने की अनुमति नहीं थी.
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स्कूल के प्रिंसिपल ने सानवी की तारीफ की
इस उपलब्धि से उत्साहित यादवेंद्र पब्लिक स्कूल मोहाली के निदेशक और प्रिंसिपल टीपीएस वाइरिच ने सानवी के बारे में कहा, "सानवी बहुत ही होनहार छात्रा है. इसके साथ ही वह पर्वतारोण, साइकिलिंग और स्केटिंग के लिए जुनुनी है.
10 साल की रिदम भी फतह कर चुकी है बेस कैंप
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले, मुंबई की 10 वर्षीय स्केटर रिदम ममानिया भी एवरेस्ट के बेस कैंप पर चढ़ने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय पर्वतारोहियों में से एक बन गई थी. रिदम ने ट्रेक को 11 दिनों में पूरा किया था. रिदम माता-पिता हर्षल और उर्मी ट्रेक के दौरान उसके साथ मौजूद थे. उसकी मां ने कहा था कि रिदम को पांच साल की उम्र से पहाड़ों पर चढ़ना पसंद था और उसने अहना पहला लंबा ट्रेक 21 किलोमीटर दूधसागर पर किया था.