Punjab News: पंजाब में साल 2015 में हुए कोटकपूरा गोलीकांड की परतें अब खुलने लगी है. अब एक बड़ी सच्चाई सामने आई है कि उस समय एक पुलिस अधिकारी ने शांतिपूर्ण धरने पर बैठी सिख संगत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. इसके साथ ही विशेष जांच दल ने सिख संगत के खिलाफ दर्ज मामले को साजिश करार दिया है. SIT ने इस मामले में सिख प्रदर्शनकारियों को क्लीन चिट दी है. वही पूर्व DGP सुमेध सैनी, IG परमराज सिंह उमरानंगल, फरीदकोट के तत्कालीन SSP सुखमिंदर सिंह मान पर झूठे गवाह, सबूत और निर्दोष लोगों के खिलाफ मामला बनाने का आरोप लगाया है.
23 मार्च तक कोर्ट में पेश होने का आदेश
SIT ने अपनी शक्तियों का दुरूपयोग करने के लिए थाना शहर कोटकपुरा के पूर्व एसएचओ गुरदीप सिंह पंढेर को 14 अक्टूबर 2015 के कांड संख्या 192 में आरोपी के रूप में नामित किया गया है. विशेष जांच दल ने इन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जिलाधिकारी की अदालत में अलग से चालान पेश किया है. इस चालान के आधार पर कोर्ट ने इन पुलिस अधिकारियों को नोटिस भेजकर 23 मार्च को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है.
पुलिस कार्रवाई को बताया सोची समझी साजिश
आपको बता दें कि कोटकपुरा गोलीकांड की घटना के बाद कोटकपुरा पुलिस ने धरने पर बैठी सिख संगत के खिलाफ पुलिस पर जानलेवा हमले का मामला दर्ज किया था और कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सबूत और कुछ गवाह जुटाए थे. पुलिस की इस कार्रवाई को सोची समझी साजिश करार देते हुए जांच दल ने किसी भी प्रदर्शनकारी के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश नहीं किया, बल्कि झूठे मामले के कथित साजिशकर्ताओं को आरोपी बनाकर उनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया.
क्या है कोटकपूरा गोलीकांड
पंजाब में, गुरुग्रंथ साहिब घटना के बाद कोटकपूरा गोलीकांड हर चुनाव में एक भावनात्मक मुद्दा रहा है. जिसमें पुलिस पर ज्यादती का आरोप लगाया गया है. इस घटना में 2 लोगों की मौत हो गई थी. इसको लेकर एसआईटी द्वारा जांच की जा रही है.
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