Haryana News: हरियाणा उन शीर्ष तीन राज्यों में से एक बन गया है, जहां किसानों की आय 20 हजार रुपये प्रति माह से अधिक हो गई है. राष्ट्रीय सैंपल सर्वेक्षण संगठन (NSSO) के अनुसार, हरियाणा में किसानों की मासिक आय 2,2841 रुपये हो गई है, जो कि पहले 14434 रुपये थी. यहां एक किसान की आय 8,061 रुपये दर्ज की गई है. वहीं, आंध्र प्रदेश में यह 10,480 रुपये; महाराष्ट्र में 11,492 रुपये और मध्य प्रदेश में 8,339 रुपये दर्ज की गई है.


इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा, “हरियाणा एक ऐसा राज्य है जो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं, धान, जौ, बाजरा, मूंग, मूंगफली, सरसों, मक्का, उड़द, तिल, चना, अरहर, कपास और सूरजमुखी सहित 14 फसलों की पर खरीद करता है. पिछले चार साल में सिर्फ गेहूं और चावल बेचकर यहां के किसानों ने 102,436 करोड़ रुपये कमाए हैं, जो काबिले तारीफ है.


मुख्यमंत्री ने कही ये बड़ी बात


मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा देश के पहले राज्यों में है जहां बागवानी के लिए भावांतर भरपाई योजना जैसी विभिन्न किसान कल्याण योजनाएं लागू की गई है. कई बार कृषि उपज की कम कीमतों के कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने 21 बागवानी फसलों को भी भावांतर भराई योजना में शामिल किया है और 'मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल' पर पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है. फलों और सब्जियों के दाम बाजार में कीमत से कम होने पर किसानों को नुकसान नहीं होगा. सरकार उस कमी को पूरा करेगी. उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों को कपास, सरसों और गेहूं के लिए लाभकारी मूल्य मिल रहे हैं.


मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य कृषि में सुधार करना है और किसानों को जीरो बजट खेती और जैविक खेती की ओर प्रोत्साहित करना है. इस वर्ष के बजट में राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 25-25 एकड़ के 100 क्लस्टर बनाने की घोषणा की गई है. उन्होंने कहा कि इस खेती को अपनाने वाले किसानों को तीन साल की अवधि के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा.


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