Sangrur Bypoll: सीएम मान का गढ़ संगरूर लोकसभा उपचुनाव के लिए तैयार, इन पांच पार्टियों ने उतारे अपने प्रत्याशी
Sangrur Bypoll: पंजाब का संगरूर लोकसभा उपचुनाव के लिए तैयार है, यह सीट सीएम भगवंत मान का गढ़ मानी जाती है. इस सीट पर आप और बीजेपी के अलावा कांग्रेस, शिअद और शिअद (अमृतसर) ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं.
पंजाब की संगरूर लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए 23 जून को मतदान होना है. इस सीट के लिए उम्मीदवारों ने अंतिम तारीख 6 जून से पहले पर्चा दाखिल कर दिया है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद खाली हुई इस सीट पर पिछले दो चुनावों से आम आदमी पार्टी (आप) का ही दबदबा रहा है. हालांकि इस बार इस सीट के लिए पांच उम्मीदवार मैदान में आए हैं, जिसमें आप के अलावा बीजेपी, कांग्रेस, शिअद और शिअद (अमृतसर) ने अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं.
संगरूर लोकसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल होने के बाद इस सीट पर चुनावी पारा गर्म होने लगा है. क्योंकि इस सीट पर पंचकोणीय मुकाबला देखा जा रहा है, क्योंकि हर पार्टी अपनी अलग तरह की सोच को लेकर जनता के सामने आ रही है. माना जा रहा था कांग्रेस दिवंगत गायक और पार्टी नेता सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह को संगरूर से सर्वसम्मति से सांसद बनाना चाहती थी, लेकिन अकाली दल अपने उम्मीदवार कमलदीप कौर राजोआना को सभी पंथिक दलों के उम्मीदवार के रूप में चाहता था.
ये हैं संगरूर लोकसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार
इसके बाद सभी दलों ने अपने अलग-अलग उम्मीदवार इस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए उतार दिए हैं. जिसमें कांग्रेस ने दलवीर गोल्डी, शिअद ने कमलदीप कौर, बीजेपी ने केवल सिंह ढिल्लों से पर्चा दाखिल कराया है. इसके साथ ही आप ने संगरूर के जिलाध्यक्ष गुरमेल सिंह को मैदान में उतारा है, वहीं पांचवें उम्मीदवार शिअद (अमृतसर) के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान ने भी इस चुनाव में ताल ठोक दी है.
कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की हत्या को लेकर विपक्षी दल आप सरकार पर हमलावर हैं. हालांकि संगरूर की सीट पर सीएम भगवंत मान ने दो बार आप को जीत दिलाई है, इस बार आप के लिए इस सीट पर जीतने के लिए काफी चुनौती नजर आ रही हैं. सीएम भगवंत मान साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में संगरूर से सांसद चुने गए थे.
अकाली दल ने कट्टरपंथी एजेंडे का खोल दिया है मोर्चा
वहीं अकाली दल ने पिछले तीन दशकों में एक छवि बनाई और खुद को एक उदारवादी पार्टी के रूप में पेश करने की कोशिश की. हालांकि अब पार्टी ने कट्टरपंथी एजेंडे को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है. पार्टी ने अपना यह रुख तब अपनाया है जब उसे पिछले दो विधानसभा चुनाव में काफी निराशाजनक प्रदर्शन दिखा, क्योंकि साल 2017 में पार्टी ने 117 विधानसभा सीटों में से केवल 17 सीटें जीतीं और साल 2022 में इसकी संख्या घटकर तीन हो गई.
Sangrur By Polls: संगरूर उपचुनाव के लिए बीजेपी केवल ढिल्लों को घोषित किया उम्मीदवार
अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल ने कहा मैं पंजाबियों से अपील करता हूं कि सिख कैदियों की आजादी हासिल के लिए सभी राजनीतिक मतभेदों को दूर करें. इससे पहले भी पंजाबियों ने 1989 में सिमरनजीत सिंह मान को अनुपस्थिति में लोकसभा के लिए चुनने के लिए एकजुट किया था, आज उसी एकता की जरूरत है. वहीं पंजाब काग्रेंस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वाडिंग ने कहा लोग मौजूदा सरकार से परेशान हैं, उन्होंने एक बदलाव का सपना देखा था. वे इस बार इसका बदला लेंगे और गोल्डी बड़े अंतर से जीतेगा.