Haryana News: आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए हरियाणा (Haryana) सरकार द्वारा शुरू की गई चिराग योजना का विरोध होना शुरू हो गया है. ऐसे में आम आदमी पार्टी (AAP) ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर कोई मिडिल या हाई स्कूल बंद रहता है, तो वह राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करेगी. हाल ही में राज्य सरकार द्वारा आस-पास के स्कूलों में मर्ज के लिए लगभग 20 से कम छात्रों और 25 छात्रों वाले 105 सरकारी माध्यमिक और उच्च विद्यालयों की पहचान की गई थी.
छात्रों की कम संख्या का कारण क्या है
आप नेता और पार्टी की उत्तर क्षेत्र की संयोजक चित्रा सरवारा ने कहा कि 'सरकार ने दावा किया है कि छात्रों की संख्या कम होने के कारण स्कूलों को मर्ज किया जा रहा है. हालांकि, हम सरकार से स्कूलों में छात्रों की गिरती संख्या के पीछे का कारण पूछना चाहते हैं. शिक्षकों की कमी और खराब बुनियादी ढांचे के कारण छात्र सरकारी स्कूलों को छोड़कर निजी स्कूलों में दाखिला लेने को मजबूर हैं.”
सरकार यह योजना भी बंद कर देगी
आगे अन्होंने कहा सरकार ने निजी स्कूलों में सरकारी स्कूल के छात्रों को प्रवेश दिलाने के लिए 'चिराग' योजना शुरूआत की है. सरकार इन छात्रों को पढ़ाने के लिए निजी स्कूलों को भी फीस की आपूर्ति करेगी. यह एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है. सरकारी स्कूल बंद होने के बाद यह योजना भी वापस ले ली जाएगी.
सरकारी स्कूल धीरे-धीरे बंद हो जाएंगे
आरोप है कि ये योजना शिक्षा के निजीकरण की ओर एक बढ़ता हुआ कदम है. इस योजना से हजारों सरकारी स्कूल बंद हो जाएंगे. सरकार स्कूलों की दशा सुधारने की बजाए व खाली पड़े शिक्षकों के पदों को भरने की बजाए, सरकारी स्कूलों के बच्चों को पैसे देकर प्राइवेट स्कूल में पढ़ाएगी. सरकारी स्कूल धीरे-धीरे बंद हो जाएंगे.
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