Haryana News: एसवाईएल को लेकर हरियाणा से लेकर पंजाब तक सियासत गरमाई हुई है. पंजाब की भगवंत मान सरकार अपने प्रदेश की विपक्षी पार्टियों से ही नहीं बल्कि हरियाणा के राजनीतिक पार्टियों के भी निशाने पर है. वहीं अब पंजाब आम आदमी पार्टी के बाद हरियाणा आप भी मुद्दे से घिरती नजर आ रही है. दरअसल, हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा की आम आदमी पार्टी को एसवाईएल पर अपना स्टैन्ड किल्यर करने के लिए कहा है. 


‘दोगली बातें छोड़कर अपना स्टैन्ड क्लियर करें’
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि "आप" पार्टी के 2 चेहरे हैं और बातें भी दोगली हैं, "आप" हरियाणा के नेता SYL के मुद्दे पर दोगली बातें छोड़कर हरियाणावासियों के हितों पर अपना स्टैन्ड क्लियर करें. 


वहीं प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आप पर निशाना साधते हुए सीएम खट्टर ने उन पर एसवाईएल मुद्दे पर कोई स्पष्ट रुख नहीं अपनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा  वे जिस तरह से वे घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, उसका कोई मतलब नहीं है. सीएम खट्टर ने कहा कि एसवाईएल नहर पर उच्चतम न्यायालय के निर्देश का अनुपालन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि एसवाईएल नहर के निर्माण में देरी के कारण हरियाणा को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है.



एसवाईएल पर अब क्यों खड़ा हुआ है विवाद
दरअसल, उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार से कहा कि वह पंजाब में जमीन के उस हिस्से का सर्वेक्षण करे जो राज्य में एसवाईएल नहर के हिस्से के निर्माण के लिए आवंटित किया गया था और वहां किए गए निर्माण की सीमा के बारे में आंकलन करे. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का हरियाणा के राजनीतिक संगठनों ने स्वागत किया है. वहीं इसको लेकर पंजाब के सभी राजनीतिक दलों का कहना है कि उनके पास किसी अन्य राज्य के साथ साझा करने के लिए एक बूंद भी अतिरिक्त पानी नहीं है. 


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