Raghav Chadha Signature Row: राघव चड्ढा पर लगे फर्जी दस्तखत कराने के आरोप पर बोले सुशील गुप्ता, ‘शायद गृह मंत्री को कानून के बारे में पता नहीं’
सेलेक्ट कमेटी को भेजे गए प्रस्ताव के समर्थन में जिन पांच सांसदों के नाम भेजें गए है उनमें नागालैंड की सांसद पी कोन्याक, सस्मित पात्रा, थम्बी दुरई, सुधांशु त्रिवेदी, नरहरि अमीन का नाम शामिल है.
Haryana News: राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल 7 अगस्त को पास हो गया है. इस दौरान बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा पर सदन में पेश मोशन में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है. चड्ढा पर आरोप है कि उन्होंने मोशन को पेश करने के दौरान 5 सांसदों के फर्जी दस्तखत लगाए है. जिसको लेकर अब हरियाणा आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता का कहना है कि जब भी सेलेक्ट समिति का गठन होता है तो प्रमुख राजनीतिक दलों के सांसदों की राय ली जाती है.
‘हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं होती’
राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने कहा कि इस पर हस्ताक्षर नहीं किए और उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं लेकिन यह गलत है, इसमें हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं होती है. यह एक कानूनी प्रक्रिया है और किसी हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं है. शायद, राघव चड्ढा ने अच्छे विश्वास में उनके नाम लिखे हैं. मुझे विश्वास है कि शायद उस समय गृह मंत्री को कानून के बारे में पता नहीं था कि इसमें हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं होती और जब कुछ सांसदों ने दावे किए तो गृह मंत्री ने भी कहा.
#WATCH ...जब भी सेलेक्ट समिति का गठन होता है तो प्रमुख राजनीतिक दलों के सांसदों की राय ली जाती है। उनका कहना है कि उन्होंने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए और उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं लेकिन यह गलत है, इसमें हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं होती है। यह एक कानूनी प्रक्रिया है और किसी… https://t.co/azSYWDN54r pic.twitter.com/MEMn5xCTRP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 8, 2023 [/tw]
संजय सिंह ने भी किया राघव चड्ढा का बचाव
आप से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राघव चड्ढा का नाम विशेषाधिकार समिति में भेजो वाले मामले को लेकर कहा कि सेलेक्ट कमेटी में नाम प्रस्तावित करने के लिए किसी के सिग्नेचर की जरूरत नही होती. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सदन में बौखलाए हुए थे. बीजेपी का काम झूठ फैलाना है. संजय सिंह ने कहा कि सभी दलों के सांसदों से मिलकर चयन समिति बनती है. राघव चड्ढा ने इसी को ध्यान में रखते हुए नाम प्रस्तावित किए थे. अगर उनकी ओर प्रस्तावित नाम पसंद नहीं तो चयन समिति से अपने नाम वापस ले सकते थे. संजय सिंह ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर आपको लगता है कि विपक्ष को सदन के अंदर नहीं रहने देना है तो विपक्ष को खत्म ही कर दिजिए.