Punjab Politics: 'शेर' के बाद 'शायरी' पर आ रुकी पंजाब की सियासत! अब सिद्धू बोले- 'क्या हुआ तेरा वादा-वो कसम वो इरादा'
पंजाब के CM भगवंत मान और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जारी ट्विटर वॉर ने अब नया मोड़ ले लिया है. सीएम द्वारा खुद को 'शेर' बताने के बाद अब सिद्धू ने शायरी करते हुए मान को वादे याद दिलाए हैं.
Punjab News: पंजाब की इन दिनों सीएम मान और विपक्षी पार्टियों के बीच वार-प्रत्यारोप का दौर छिड़ा हुआ है. एक तरफ जहां दो शादियों वाले बयान को लेकर कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) और सीएम भगवंत मान (Bhagwant Mann) के बीच ट्विटर वॉर चल रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल ने सीएम मान को सर्कस का शेर बताया था. सीएम द्वारा खुद को 'शेर' कहने से शुरू हुए इस वॉर में अब सिद्धू ने 'शायरी' करते हुए सीएम मान को उनके वादे याद दिलाए हैं.
पंचायतों की शक्तियों पर उठाए सवाल
कांग्रेस नेता सिद्धू ने अपने ट्वीट में लिखा, 'पंचायती राज को राजीव गांधी के 73वें और 74वें संवैधानिक संशोधनों द्वारा 'भागीदारी' के सिद्धांत पर और निम्नतम स्तर बनाने के लिए बहुत मजबूत किया गया था. निर्णय लेने की शक्ति के शेयरधारक. इसे अदालतों के माध्यम से स्थायी, स्थिर, आश्वस्त और लागू करने योग्य बनाया गया था. आज दुख की बात है कि देश के कई हिस्सों में पंचायतें 'खाली खोल के बिना किसी वास्तविक शक्ति' से ज्यादा कुछ नहीं हैं. स्थानीय निकाय शक्तिहीन एजेंट हैं. पंचायती राज शायद ही कभी ऐसा लगता है!!'
‘क्या हुआ तेरा वादा- वो क़सम वो इरादा’
सिद्धू ने आगे लिखा कि मनरेगा जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को लागू करने में पंचायतों की भूमिका को कम करके आंका गया है. सतर्कता जैसी राज्य एजेंसियों के माध्यम से पंचायतों को धमकाया जाता है. लंबित जांच के आधार पर सरपंचों को बांधा और निलंबित किया जाता है. पंचायत भूमि से धन का उपयोग गांवों के विकास के लिए नहीं किया जाता है बल्कि राज्य सरकार की सनक और सनक पर होता है. सरपंचों को 25,000 और पंचायत सदस्यों को 10,000 का मासिक मानदेय रहता है पंजाब में सत्तारूढ़ पार्टी का एक अधूरा वादा होना. क्या हुआ तेरा वादा- वो क़सम वो इरादा.
सिद्धू की पत्नी ने भी साधा था निशाना
आपको बता दें कि सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने भी ट्वीट के जरिए सीएम मान पर निशाना साधा था उन्होंने कहा था कि आज मैं आपके खजाने में छिपे हुए एक रहस्य पर से पर्दा उठाती हूं. आपको पता होना चाहिए कि जिस सम्माननीय कुर्सी पर आप बैठे हैं, वह आपके बड़े भाई नवजोत सिद्धू ने आपको उपहार में दी है. आपके अपने सबसे वरिष्ठ नेता ने चाहा था कि नवजोत पंजाब का नेतृत्व करें.